ग्वालियर के एबीवीपी छात्रों की जमानत, कुलपति की मदद करने पर लगी थी डकैती की धाराएं
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: December 18, 2023 05:17 PM2023-12-18T17:17:43+5:302023-12-18T17:19:58+5:30
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जज की कर छिनने वाले एबीवीपी के दो छात्रों के लिए आज अच्छी खबर आई। दोनों छात्रों को सोमवार को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई । जमानत के बाद आज शाम या फिर कल तक दोनों छात्र नेता जेल से रिहा कर दिए जाएंगे। अदालत ने हिमांशु श्रोत्री और सुकृत शर्मा को 12 दिसंबर के दिन मामला दर्ज करते हुए जेल भेज दिया था । दोनों छात्र नेताओं पर डकैती के आरोप में मामले दर्ज थे।
एबीवीपी के छात्रों की पहल उनके लिए मुसीबत बनी थी। 10 दिसंबर की रात को रेलवे स्टेशन के पोर्च से एक कुलपति की जान बचाने के लिए जज की कार इलाज के लिए छात्र नेता कार ली थी । इ पूरे मामले में दोनों छात्र नेताओं पर किया गया डकैती मामला दर्ज किया गया था। लेकिन हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में आज लगी थी जमानत याचिका सुनवाई के बाद कोर्ट ने मानवीय संवेदना के आधार पर दोनों छात्र नेताओं को जमानत दे दी है।
एबीवीपी के कुछ छात्र जब ट्रेन में बैठकर दिल्ली से ग्वालियर आ रहे थे तो ट्रेन के बोगी में बैठे झांसी के पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति रणजीत सिंह की तबीयत बिगड़ी थी और इसकी जानकारी ग्वालियर स्टेशन पर पहले से मौजूद एबीवीपी के छात्र नेताओं को मिली और उसके बाद उन्होंने स्टेशन के बाहर खड़ी को लेकर कुलपति को अस्पताल पहुंचाया था इस पूरे मामले में एबीपी छात्रों के खिलाफ डकैती की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। लेकिन अब इस पूरे मामले में दोनों छात्र नेताओं को जमानत मिल गई है। अदालत ने डकैती के आरोप में हुई गिरफ्तारी पर दोनों छात्रों की जमानत मंजूर कर ली है और कभी भी दोनों छात्र जेल से रिहा किया जा सकता हैं।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के अध्यक्ष प्रदेश वीडी शर्मा से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तक ने घटना को संज्ञान में लिया था। शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर एबीवीपी के छात्रों के लिए माफी मांगी थी। शिवराज सिंह चौहान ने अपने पत्र में कहा था कि यह एक अलग तरह का अपराध है।
वही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे मामले के जांच के निर्देश दिए थे मुख्यमंत्री ने प्रकरण में मुख्यमंत्री ने सीआईडी जांच के आदेश दिए थे।