सात फरवरी के बाद आरक्षण के लिए गुर्जर फिर होंगे सड़कों पर
By धीरेंद्र जैन | Published: February 2, 2019 09:48 PM2019-02-02T21:48:19+5:302019-02-02T21:48:19+5:30
कर्नल बैंसला आन्दोलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए गुर्जर बाहुल्य गांवों के सधन दौरो पर है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में गुर्जर आरक्षण का मामला एक बार फिर गर्माने लगा है। गुर्जर आरक्षण के संयोजक कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला एक बा फिर आन्दोलन की राह पर हैं। बैंसला ने कहा कि आन्दोलन शांतिपूर्ण तरीके से होगा, लेकिन आखिरी निर्णय समाज को ही करना है। राज्य सरकार को गुर्जर समाज द्वारा दिये गये अल्टीमेटम का समय सात फरवरी को पूरा होने जा रहा है। इसके बाद समाज आन्दोलन की रणनीति तय करेगा।
कर्नल बैंसला आन्दोलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए गुर्जर बाहुल्य गांवों के सधन दौरों पर है। अजमेर जिले के मसूदा में देवनारायण मंदिर पर समाज की महापंचायत होगी जिसके लिए कर्नल बैंसला गांव गांव जाकर गुर्जर समाज के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं।
अजमेर में पत्रकारांे से रूबरु होते हुए कर्नल बैंसला ने कहा कि जिस प्रकार सवर्णों को केन्द सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण का रास्ता साफ किया है उसी प्रकार राज्य सरकार को भी गुर्जर समाज को पांच प्रतिशत आरक्षण का मार्ग निकालना चाहिए।विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वादा किया था अब उनकी जिम्मेदारी है कि सरकार समाज का हक उन्हें दे, अन्यथा इस बार का संघर्ष आर-पार का होगा।
जब तक उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता आन्दोलन जारी रहेगा। बैसला ने कहा कि गुर्जर समाज पिछले 14 सालो से आरक्षण की मांग कर रहा है, हम जानते हैं कि लोकतंत्र में वोट ही सबसे प्रमुख अस्त्र होता है। इसलिए लोकसभा चुनाव से पूर्व हमने एक बार पुनः अपनी मांग सरकार के समक्ष रखी है। राज्य सरकार को दिये गये 20 दिन का अवधि सात फरवरी को समाप्त हो रही है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से वार्ता की पहल नहीं हुई है।