गुजरात की कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक ने किसके दम पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से किया घोटाला, कांग्रेस ने पीएम से पूछा सवाल

By शीलेष शर्मा | Updated: March 12, 2021 19:30 IST2021-03-12T19:29:25+5:302021-03-12T19:30:27+5:30

बैंक लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लगभग 1,610 करोड़ रुपये की कीमत के 6,000 से अधिक व्हीकल को जब्त किया।

Gujarat's company Siddhi Vinayak Logistics scam Bank of Maharashtra which Congress asked questions to PM | गुजरात की कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक ने किसके दम पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र से किया घोटाला, कांग्रेस ने पीएम से पूछा सवाल

मामले ने तूल पकड़ा तो पीएन देशपांडे को कुछ समय के लिए निलंबित किया गया और फिर तत्काल उन्हें बहाल कर दिया।

Highlightsयह सवाल कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है।   2017 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर आगाह करते हुए पूछा था।सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड को एनपीए अथवा विलफुल डिफाल्टर की सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया है। 

नई दिल्लीः बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र से करोड़ों का लोन ले कर चूना लगाने वाली गुजरात की कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड बैंक के बार बार कहने के बावजूद आखिर किसके इशारे पर बैंक को पैसा नहीं लौटा रही है। 

यह सवाल कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी से पूछा है। गुजरात की कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड जिसका मुख्यालय सूरत में है, के "चालक से मालिक" योजना के लिए लगभग 836 करोड़ का लोन लेकर कैसे डकार गयी यह भी बार बार मोदी सरकार से पूछा जा रहा है। 

गौरतलब है कि  2017 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर आगाह करते हुए पूछा, कि ऋण न लौटाने के बावजूद सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड को एनपीए अथवा विलफुल डिफाल्टर की सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया है। 

हैरानी की बात तो यह है कि गुजरात के बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के क्षेत्रीय मुखिया जनरल मैनेजर पी एन देशपांडे ने बिना बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के मुख्यालय अथवा बोर्ड की सहमति लिए एस  वी  एल एल को यह ऋण की भारी रकम अपनी मर्ज़ी से दे दी। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो पीएन देशपांडे को कुछ समय के लिए निलंबित किया गया और फिर तत्काल उन्हें बहाल कर दिया।

आखिर यह बहाली किसके दवाब में हुई और उनको तब तक क्यों रखा गया जब तक उन्होंने अपनी सेवाओं से अवकाश ग्रहण नहीं कर लिया। कांग्रेस ने आज यह मुद्दा उठाते हुए वह सारे दस्तावेज़ सार्वजनिक कर दिए जिनमें बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की गोपनीय आंतरिक रिपोर्ट, सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड के मालिक रूप चंद वैद्य का वह पत्र जो उन्होंने बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को लोन न चुका पाने के लिए भेजा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी की तस्वीर और उनका एस वी  एल एल  प्रशंसा में लिखा पत्र शामिल था। 

कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इन दस्तावेज़ों को ज़ारी करते हुए खुलासा किया कि  2014 में मोदी के चुनाव प्रचार के लिए सात सितारा बसें बनाने का ठेका लेने वाली सिद्दि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड ने  एक ही साल में  अपना टर्नओवर 80 फीसदी बढ़ा लिया लेकिन बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को पैसा लौटाने के लिए तैयार नहीं हुए।

जब भी बैंक ऋण लौटाने की बात करती मोदी से अपने सम्बंधिन का ज़िक्र करते हुए यह कंपनी बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को डराती धमकाती रही। अब कांग्रेस पूछ रही है कि  मोदी बताएं कि रूप चंद वैद्य से उनका क्या रिश्ता है।

पीएन देशपांडे जिन्होंने बिना बोर्ड की स्वीकृति लिए इतनी बड़ी रकम एस  वी एल एल को ऋण के रूप में दी उनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से क्या नाता है और वे किस के दवाब में बिना ज़रूरी दस्तावेज़ों को लिए सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड को सात सितारा चुनाव प्रचार बसों को तैयार करने तथा चालाक से मालिक स्कीम के लिए ऋण देते रहे।   

Web Title: Gujarat's company Siddhi Vinayak Logistics scam Bank of Maharashtra which Congress asked questions to PM

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