देश का इतना बड़ा नेता सभी दुखों को शिव के विषपान की तरह सहन कर लड़ता रहा, गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह
By अनिल शर्मा | Published: June 25, 2022 10:58 AM2022-06-25T10:58:15+5:302022-06-25T11:11:22+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 63 अन्य को क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है जिसे भाजपा ने सत्य की जीत करार दिया। यह याचिका गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने दायर की थी।
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों को लेकर कहा है कि मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 63 अन्य को क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है जिसे भाजपा ने सत्य की जीत करार दिया। यह याचिका गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने दायर की थी।
अमित शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा, आज सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी। NGO ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ की NGO ये सब कर रही थी। उस समय की आई UPA की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमित शाह ने कहा, 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है।
दंगे का क्या था मुख्य कारण?
अमित शाह ने कहा कि दंगे होने का मुख्य कारण गोधरा की ट्रेन को जला देना था। 16 दिन की बच्ची को उसकी मां की गोद में बैठे हुए जिंदा जलते हुए मैंने देखा है और मेरे हाथ से मैंने अंतिम संस्कार किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रेन में आग लगने के बाद की घटनाएं पूर्व नियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थी और तहलका द्वारा स्टिंग ऑपरेशन को भी खारिज कर दिया क्योंकि इसके आगे-पीछे का जब फुटेज आया तब पता चला कि ये स्टिंग राजनीतिक उद्देश्य से किया गया था।
दंगे को लेकर कांग्रेस-भाजपा की तुलना कर लीजिएः शाह
भाजपा के शासनकाल में दंगों के सवाल पर अमिता शाह ने कहा कि जहां तक दंगों का सवाल है तो आप 5 साल बीजेपी और कांग्रेस के शासन काल की तुलना करें तो पता चल जाएगा कि किसके शासन में अधिक दंगे हुए। गुजरात में हमारी सरकारी थी लेकिन यूपीए की सरकार ने NGO की मदद की है। सब जानते हैं कि ये केवल मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था।
मोदी जी SIT के सामने कोई नाटक करते हुए नहीं गए थेः अमित शाह
दंगे को लेकर गठित एसआईटी को लेकर शाह ने कहा कि मोदी जी SIT के सामने कोई नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ और धरना दो। हमारा मानना था कि हमें कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। अगर SIT सीएम से सवाल करना चाहती है तो सीएम खुद सहयोग करने को तैयार है तो फिर आंदोलन किस चीज का?
गुजरात दंगों को रोकने के लिए पुलिस और अधिकारियों के कथित कुछ न कर पाने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि BJP विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे।
गुजरात दंगे के वक्त सेना को क्यों नहीं बुलाया गया
गुजरात दंगों में सेना को नहीं बुलाने के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है हमने सेना को बुलाने में एक दिन की भी देरी नहीं की। बकौल अमित शाह, हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था।गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है।
गुजरात मॉडल जरूर बना है, हमने देश के हर गांव में सबसे पहले 24 घंटे बिजली पहुंचाने का काम किया है। देश के अंदर 12 साल में शून्य ड्रॉपआउट अनुपात और प्राथमिक शिक्षा में 99% से अधिक बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया