Gujarat Election 2022: जामा मस्जिद के इमाम ने मुसलमानों से की कांग्रेस को वोट करने की अपील, भाजपा नेता ने कहा, "मुसलमान जानते हैं कांग्रेस उन्हें वोटबैंक समझती है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 4, 2022 03:42 PM2022-12-04T15:42:29+5:302022-12-04T15:46:51+5:30
गुजरात के अहमदाबाद स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर शाह सिद्दीकी ने ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रभाव को नकारते हुए एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि गुजरात में मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही। इसके अलावा यहां पर अन्य किसी दल की कोई अहमियत नहीं है।
अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में उस समय बड़ा मोड़ आ गया, जब अहमदाबाद स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी ने मुसलमानों से एकजुट होकर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील कर दी। इसके साथ ही बीते शनिवार को इमाम शब्बीर शाह सिद्दीकी ने यह भी साफ कहा कि गुजरात में मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही। इसके अलावा यहां पर अन्य किसी दल की कोई अहमियत नहीं है। इमाम सिद्दीकी का इशारा स्पष्ट तौर पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की ओर था।
एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए इमाम सिद्दीकी ने कहा कि वो इस चुनाव में प्रदेश के मुसलमानों से एकजुट होने और कांग्रेस को वोट करने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में कांग्रेस ही मुलमानों की रहनुमाई करती है। बातचीत के दौरान उन्होंने साल 2012 के उस चुनाव को याद किया, जिसमें मुस्लिम बहुल सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने महज इस कारण जीत हासिल कल ली थी क्योंकि उस सीट पर कई मुसलमान कैंडिडेट खड़े हो गये थे। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान इस बार वो गलती नहीं करेगा। उनके मुताबिक मुस्लिमों को एक होकर वोट डालने के लिए सोशल मीडिया से भी जागरूक किया जा रहा है।
इमाम शब्बीर ने बताया कि साल 2012 में मुस्लिमों का वोट कई मुस्लिम प्रत्याशियों में बंट गया था, इस कारण अहमदाबाद की जमालपुरा सीट पर भाजपा ने कब्ज़ा जमा लिया था। इमाम के मुताबिक अगर मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं हुआ होता तो वो सीट कांग्रेस के खाते में जाती। इस बात को ध्यान में रखते हुए शाही इमाम शब्बीर ने कहा है कि मुसलमान इस बार उसी को जिताएगा, जो उनकी रहनुमाई करता हो। खुद शब्बीर भी दूसरे यानी कि अंतिम चरण के चुनाव में 5 दिसंबर 2022 को अहमदाबाद में अपना वोट डालेंगे।
इमाम सिद्दीकी ने साल 2012 में जिस जमालपुरा सीट का हवाला देकर मुलमान वोट के बंटने की बात कही, वहां से कांग्रेस ने उस समय मुस्लिम उम्मीदवार उतारा था लेकिन कांग्रेस के विरोध में एक स्थानीय नेता साबिर काबलीवाला भी चुनाव में खड़े हो गये थे। 2012 के चुनाव में काबलीवाला को लगभग 30 हजार वोट मिले थे।कांग्रेस और उनके बीच हुई उस खींचतान का फायदा सीधे तौर पर भाजपा को मिला और उनका प्रत्याशी 6000 वोटों से जीत गया था। साल 2022 के चुनाव में भी कुछ-कुछ वैसी ही स्थिति है क्योंकि काबलीवाला फिर जमालपुरा से चुनावी मैदान में हैं और इस बार उन्हें ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने टिकट दिया है।
इमाम शब्बीर सिद्दीकी ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के गुजरात में चुनाव लड़ने पर कहा उनकी पार्टी का यहां कोई प्रभाव नहीं है, क्योंकि गुजरात में शुरू से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच ही चुनाव होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को ऐसे समय में एकजुट रहना चाहिए। बातचीत के दौरान इमाम ने मुसलमानों से अपील की कि वो एकजुट होकर कांग्रेस के लिए वोट करें।
इमाम शब्बीर अहमद सिद्दीकी के इस बयान का सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने कड़ा विरोध करते कहा कि इमाम मजहबी ध्रूवीकरण करके कांग्रेस को फायदा पहुंचाना चाहते हैं लेकिन मुसलमान उनके झांसे में नहीं आने वाला है। इस संबंध में जमालपुरा सीट से भाजपा के उम्मीदवार भूषण अशोक मित्तल ने कहा कि मुसलमान इस बात को अच्छे से समझ चुके हैं कि कांग्रेस उन्हें केवल वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करती है।
उन्होंने कहा कि इमाम सिद्दकी के अपील का कोई असर नहीं होने वाला है, बड़ी संख्या में मुसलमान भाजपा को वोट देने जा रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी मित्तल ने कहा कि केवल जमालपुर में ही नहीं पूरे गुजरात में कांग्रेस के लिए कुछ नहीं बचा है। हर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने जा रहा है।