मोरारी बापू पर टिप्पणी के विरोध में कलाकारों, स्तंभकार ने लौटाये पुरस्कार

By भाषा | Published: September 14, 2019 06:14 AM2019-09-14T06:14:07+5:302019-09-14T06:14:07+5:30

गुजराती अखबारों के लिए लिखने वाले वसावडा ने कहा, ‘‘मेरा पुरजोर विश्वास है कि मोरारी बापू ने अपने प्रवचन के दौरान किसी का अपमान नहीं किया क्योंकि मैं वहां था। इसके विपरीत मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने भगवान शिव और बापू का अपमान किया।’’

Gujarat columnist folk artists humorist return awards in protest Morari Bapu | मोरारी बापू पर टिप्पणी के विरोध में कलाकारों, स्तंभकार ने लौटाये पुरस्कार

फाइल फोटो

Highlightsदेवपीठ के एक धार्मिक नेता ने कथित तौर पर कहा कि लोक कलाकार नशा करके प्रस्तुति देते हैं।बापू ने खेद जता दिया, लेकिन लक्ष्मीनारायण देवपीठ के कुछ नेताओं ने उनसे स्पष्ट रूप से माफी मांगने को कहा।

रामकथा वाचक मोरारी बापू पर टिप्पणियों का विरोध करते हुए गुजरात के नौ लोक कलाकारों और एक जानेमाने स्तंभकार ने स्वामीनारायण संप्रदाय के एक समूह से मिले पुरस्कारों को लौटा दिया है। स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े लक्ष्मीनारायण देवपीठ (वडताल) के कुछ नेताओं ने ‘नीलकंठ’ या ‘नीलकंठ वर्णी’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर मोरारी बापू की टिप्पणियों की आलोचना की है।

बापू ने कहा था कि नीलकंठ केवल एक हैं, वह भगवान शिव हैं और अन्य किसी को इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हालांकि बाद में बापू ने खेद जता दिया, लेकिन लक्ष्मीनारायण देवपीठ के कुछ नेताओं ने उनसे स्पष्ट रूप से माफी मांगने को कहा। नेताओं ने कुछ तीखी टिप्पणियां भी कीं।

देवपीठ के एक धार्मिक नेता ने कथित तौर पर कहा कि लोक कलाकार नशा करके प्रस्तुति देते हैं। इसके विरोध में पिछले दो दिन में नौ कलाकारों और स्तंभकार जय वसावडा ने देवपीठ द्वारा उन्हें दिये गये ‘रत्नाकर’ पुरस्कार को लौटाने की घोषणा की है। इन कलाकारों में भजन गायक हेमंत चौहान, लोक कलाकार मायाभाई अहीर, सैराम दवे, धीरू सरवैया और उस्मान मीर शामिल हैं।

गुजराती अखबारों के लिए लिखने वाले वसावडा ने कहा, ‘‘मेरा पुरजोर विश्वास है कि मोरारी बापू ने अपने प्रवचन के दौरान किसी का अपमान नहीं किया क्योंकि मैं वहां था। इसके विपरीत मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने भगवान शिव और बापू का अपमान किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से पुरस्कार प्राप्त किया था, इसलिए सार्वजनिक रूप से इसे लौटाने की घोषणा कर रहा हूं।’’

अहीर ने कहा कि मोरारी बापू का नाम बिना वजह इस विवाद में खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘बापू निर्मल और यथार्थपूर्ण व्यक्तित्व हैं। उनके मन में कभी किसी के लिए कोई गलत भावना नहीं रही। इसके बाद भी कुछ लोगों ने उनसे माफी मांगने को कहा।’’

Web Title: Gujarat columnist folk artists humorist return awards in protest Morari Bapu

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