गुजरात: कॉलेज में माहवारी का सबूत मांगने के मामले में छात्राओं से बात करेगी NCW की कमेटी
By भाषा | Published: February 14, 2020 07:10 PM2020-02-14T19:10:29+5:302020-02-14T19:10:29+5:30
एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार आयोग ने इस ‘‘शर्मनाक कार्य’’ के लिए सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट कॉलेज के न्यासी प्रवीण पिंडोरा और प्रधानाध्यापक रीता रानीगा से जवाब मांगा है।
गुजरात के एक कॉलेज में माहवारी नहीं होने के सबूत के तौर पर छात्राओं को कथित रूप से अपने अंत:वस्त्र उतारने पर मजबूर किए जाने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने एक जांच समिति का गठन किया है जो पीड़ित छात्राओं से बात करेगी।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली स्नातक की 68 छात्राओं की कॉलेज से रेस्टरूम तक परेड कराई गई थी और हर छात्रा को अपने अंत:वस्त्र उतारने के लिए मजबूर किया गया था ताकि यह साबित हो सके उन्हें माहवारी नहीं आई है।
एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार आयोग ने इस ‘‘शर्मनाक कार्य’’ के लिए सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट कॉलेज के न्यासी प्रवीण पिंडोरा और प्रधानाध्यापक रीता रानीगा से जवाब मांगा है। एनसीडब्ल्यू ने एक जांच दल का गठन किया है जो संस्थान की छात्राओं से मिलेगी और घटना के बारे में पूछताछ करेगी।
बयान के अनुसार, ‘‘एनसीडब्ल्यू ने कच्छ विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति दर्शना ढोलकिया और गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा (आईपीएस) से भी मामले में विस्तृत जांच करने और उनकी कार्य रिपोर्ट पर जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।’’