अमित शाह की अगुवाई में मंत्री समूह ने एयर इंडिया के विनिवेश की मंजूरी दी, 80 हजार करोड़ का कर्ज

By भाषा | Published: January 7, 2020 03:53 PM2020-01-07T15:53:06+5:302020-01-07T15:53:06+5:30

Group Of Ministers (GoM) led by Union Home Minister Amit Shah approves to invite Expression of Interest (EOI) for disinvestment of Air India. | अमित शाह की अगुवाई में मंत्री समूह ने एयर इंडिया के विनिवेश की मंजूरी दी, 80 हजार करोड़ का कर्ज

एयर इंडिया विनिवेश के लिये बनाये गये मंत्री समूह की आखिरी बैठक सितंबर, 2019 में हुई थी।

Highlightsमंत्री समूह ने एयर इंडिया में विनिवेश के लिये रुचि पत्र, शेयर खरीद- बिक्री समझौते को मंजूरी दी।एयर इंडिया के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएसएटीएस में उसकी हिस्सेदारी को बेचने की भी मंजूरी दी गई थी। 

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने मंगलवार को एयर इंडिया के निजीकरण के लिये बोली लगाने के वास्ते रुचि पत्र (ईओआई) और शेयर खरीद- बिक्री समझौते के प्रारूप को मंजूरी दे दी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह कहा।

अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस विमानन कंपनी के निजीकरण के लिये जनवरी में ही रुचि पत्र और शेयर खरीद- बिक्री समझौते को जारी कर दिया जायेगा। एयर इंडिया विनिवेश के लिये बनाये गये मंत्री समूह की आखिरी बैठक सितंबर, 2019 में हुई थी।

एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक प्रणाली (एआईएसएएम) ने पिछले साल ही विमानन कंपनी में सरकार की शत- प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये प्रक्रिया को फिर से शुरू करने को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएसएटीएस में उसकी हिस्सेदारी को बेचने की भी मंजूरी दी गई थी। 

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने को कहा था कि एयर इंडिया के ऊपर करीब 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है। ऐसे में सरकार के पास इसके निजीकरण के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। पुरी ने एयर इंडिया के 13 कर्मचारी संगठनों के साथ बृहस्पतिवार को यहां एक बैठक की।

एक कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि ने बताया कि पुरी ने बैठक में एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया में कर्मचारियों की बात की। प्रतिनिधि के अनुसार, पुरी ने कहा कि सरकार निजीकरण के बाद रोजगार की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है। हालांकि संगठनों ने एयर इंडिया के निजीकरण का विरोध किया और कहा कि यदि सरकार समर्थन दे तो कर्मचारी एयर इंडिया को चलाने में सक्षम हैं।

प्रतिनिधि ने एक घंटे चली बैठक के बाद कहा, ‘‘मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया के ऊपर 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है और किसी भी विशेषज्ञ के पास इसका समाधान नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार के समक्ष निजीकरण का ही एकमात्र विकल्प उपस्थित रह जाता है।’’ प्रतिनिधि ने कहा कि पुरी ने निजीकरण की प्रक्रिया में सभी कर्मचारी संगठनों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की। पुरी ने बाद में ट्वीट किया कि उन्होंने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ लंबी और सार्थक चर्चा की।

उन्होंने कहा कि अगले 10 दिन में दोनों पक्ष एक और बैठक करेंगे। प्रतिनिधि ने कहा, पुरी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मेकानिज्म की अभी एक ही बार बैठक हुई है। अगली बैठक में वह कर्मचारियों की सभी दिक्कतों को सामने रखेंगे। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि यदि जून तक कोई नया निवेशक सामने नहीं आया तो जेट एयरवेज की तरह यह भी बंद हो जाएगी। हालांकि इसके कुछ ही दिन बाद पुरी ने कहा था कि निजीकरण होने तक एयर इंडिया का परिचालन जारी रहेगा।

Web Title: Group Of Ministers (GoM) led by Union Home Minister Amit Shah approves to invite Expression of Interest (EOI) for disinvestment of Air India.

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