पुराने बल्ब जमा करो, दस रुपये में पाओ एलईडी बल्ब, नागपुर सहित देश के पांच जिलों में शुरू हुआ ग्राम उजाला कार्यक्रम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 19, 2021 21:03 IST2021-03-19T21:02:16+5:302021-03-19T21:03:47+5:30
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह नेशुक्रवार को डिजिटल तरीके से बिहार के आरा जिले से इस योजना की शुरुआत की.

ग्राम उजाला कार्यक्रम का क्रियान्वयन केवल पांच जिलों के गांवों में होगा.
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के नागपुर सहित देश के पांच जिलों के ग्रामीणों को सस्ती दर पर उच्च गुणवत्ता के एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने की योजना ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है.
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह नेशुक्रवार को डिजिटल तरीके से बिहार के आरा जिले से इस योजना की शुरुआत की. कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) की अनुषंगी इकाई कनवर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लि. (सीईएसएल) गांवों में 10 रुपये प्रति बल्ब की दर से ग्रामीण परिवारों को एलईडी बल्ब उपलब्ध कराएगी.
सीईएसएल ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम के तहत पहले चरण में पांच राज्यों के गांवों में सस्ती दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराए जाएंगे. इस चरण में 1.5 करोड़ एलईडी बल्ब आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गांवों में ग्रामीण परिवारों को दिए जाएंगे.
क्या है योजना इस कार्यक्रम के तहत तीन साल की वारंटी के साथ सात वाट और 12 वाट के एलईडी बल्ब ग्रामीण परिवारों को दिए जाएंगे. ये बल्ब पुराने परंपरागत बल्बों (इनकैनडेससेंट बल्ब) जमा करने पर दिए जाएंगे. फिलहाल ग्राम उजाला कार्यक्रम का क्रियान्वयन केवल पांच जिलों के गांवों में होगा. इसके तहत ग्राहक अधिकतम पांच एलईडी बल्ब पंपरागत बल्ब देकर ले सकते हैं.
इन ग्रामीण परिवारों के यहां मीटर भी लगा होना चाहिए. कार्बन क्रेडिट के माध्यम से वित्त पोषण कार्यक्रम का वित्त पोषण पूरी तरह से कार्बन क्रेडिट के माध्यम से किया जाएगा और इस तरह का यह भारत का पहला कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम का भारत के जलवायु परिवर्तन को लेकर जारी कार्रवाई पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा.
इससे 202.5 करोड़ यूनिट (किलोवाट प्रति घंटा) सालाना बिजली की बचत होगी जबकि कार्बन उत्सर्जन में 16.5 लाख टन सालाना की कमी भी आएगी. जोड़ बयान के अनुसार इससे घरों में सस्ती दर पर बेहतर रोशनी मिलेगी. कुल मिलाकर इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, वित्तीय बचत होगी, आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और गांवों में लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी.
केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार ने कहा कि कार्बन क्रेडिट का उपयोग कर नवोन्मेषी मॉडल पर आधारित यह काफी महत्वपूर्ण पहल है. ईईएसएल के कार्यकारी उपाध्यक्ष सौरभ कुमार ने कहा कि उजाला कार्यक्रम हर गांव तक नहीं पहुंच पाया क्योंकि ग्रामीण उपभोक्ता एक एलईडी बल्ब के लिए 70 रुपये देने में असमर्थ थे. उन्होंने कहा, 'ग्राम उजाला योजना के साथ, हम ग्राहकों से परंपरागत बल्ब लेंगे और उन्हें उसके बदले 10 रुपये कीमत पर उच्च गुणवत्ता के एलईडी बल्ब उपलब्ध कराएंगे.'