दिल्ली : वैज्ञानिकों ने देश में तीसरी लहर आने की पुष्टि की है । उनका मानना है कि इस लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है क्योंकि हम अपनी वरिष्ठ और युवा आबादी को तो वैक्सीनेट कर रहे हैं लेकिन बच्चों के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए उनपर ज्यादा खतरा बना हुआ है । ऐसे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की ओर से विकसित नया कोरोना टीका जल्द ही 12-18 आयुवर्ग के लिए उपलब्ध होगा ।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में यह भी बात कही कि देश में अब तक कोरोना वैक्सीन के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है और देश में 32 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि साल के अंत तक देश के सभी वयस्कों को कोरोना का टीका लगा दिया जाएगा ।
सरकार ने कहा कि 18 साल के 94 करोड़ों लोगों के लिए 186.6 करोड़ डोज की आवश्यकता होगी । सरकार ने कहा कि युवाओं के लिए डिजिटल बाधा को खत्म करते हुए अब सीधे टीकाकरण केंद्रों पर जाकर बैठ वैक्सीन लगवाई जा सकती है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी बताया कि सोमवार से लागू नई नीति के तहत 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी ।
पारदर्शिता के लिए हर दिन आंकड़ों को सार्वजनिक किया जा रहा है । सरकार ने कहा कि निजी टीकाकरण केंद्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी टीका मिल सके । इसके लिए वाउचर वाली योजना की शुरुआत की गई है और एनजीओ वाउचर खरीदकर जरूरतमंद लोगों में इसका वितरण कर सकते हैं ।