देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर सुनवायी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तीन सदस्यीय पीठ बैठी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों पार्टियों की उस याचिका पर विचार करने के लिए सुनवाई शुरू की, कि उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के इस अनुरोध पर विचार नहीं कर रही है कि उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के पत्र सौंपे, साथ ही अजित पवार के समर्थन वाला पत्र पेश किया। मेहता ने पत्र पेश करते हुए कहा, अजित पवार ने कहा था हमारे पास 54 विधायक है और हम बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं इसलिए हम चाहते है कि देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए बुलाया जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, राज्यपाल ने राज्य के स्थिति को देखते हुए देवेंद्र फड़नवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। मेहता ने कहा, देवेंद्र फड़नवीस ने 11 निर्दलीय और अजित पवार के पत्र के बाद सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के पास पेश किया। इसके बाद राज्यापाल ने राष्ट्रपति से राष्ट्रपति शासन रद्द करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने अपने विवेक से सबसे बड़े दल को आमंत्रित किया। फड़नवीस के पास 170 विधायकों का समर्थन है।