महाराष्ट्र के राज्यपाल को देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान की अनुमति नहीं मिली
By भाषा | Updated: February 11, 2021 20:22 IST2021-02-11T20:22:40+5:302021-02-11T20:22:40+5:30

महाराष्ट्र के राज्यपाल को देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान की अनुमति नहीं मिली
मुंबई, 11 फरवरी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को बृहस्पतिवार को देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति देने से मना कर दिया गया जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इस घटना के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि वह घटना के लिए माफी मांगे।
सूत्रों ने बताया कि कोश्यारी एक सरकारी विमान से देहरादून जाने वाले थे, लेकिन उड़ान के लिए अनुमति नहीं दी गई, जबकि राज्यपाल विमान में चढ़ चुके थे। राज्यपाल ने बाद में अपने गृह राज्य उत्तराखंड की राजधानी की यात्रा के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान का सहारा लिया।
राजभवन सचिवालय और राज्य सरकार ने इस घटना के लिए एक-दूसरे पर दोष मढ़ा है, जिससे राज्य की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार और राज्यपाल के बीच मतभेद एक बार फिर सामने आ गए हैं।
इस संबंध में राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल के सचिवालय ने दो फरवरी को राज्य सरकार के अधिकारियों को पत्र लिखकर विमान के उपयोग की अनुमति मांगी थी।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसके बारे में सूचित किया गया था।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि राजभवन सचिवालय को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक दिन पहले सूचित कर दिया गया था कि आधिकारिक विमान के उपयोग के लिए मंजूरी नहीं दी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि राज्य सरकार ने इस बात को गंभीरता से लिया है कि राजभवन के अधिकारी ने सरकार के संदेश के बारे में राज्यपाल को अवगत नहीं कराया।
बयान में कहा गया है, “राजभवन के अधिकारी ने आधिकारिक विमान के इस्तेमाल की मंजूरी और राज्यपाल की यात्रा कार्यक्रम की योजना के बारे में पुष्टि नहीं की।’’
इसमें कहा गया, "घटनाक्रम का गंभीरता से संज्ञान लेने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए हैं कि राजभवन के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।"
बयान में कहा गया कि राजभवन सचिवालय को आधिकारिक विमान की उपलब्धता के बारे में पुष्टि कर लेनी चाहिए थी क्योंकि मंजूरी नहीं मिलने की सूचना एक दिन पहले ही दे दी गई थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, "इसके कारण राज्यपाल को असुविधा का सामना करना पड़ा। इसके लिए राज्य सरकार को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।"
राजभवन के बयान के अनुसार, कोश्यारी शुक्रवार को उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएस अधिकारियों के 122वें प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करने वाले हैं।
बयान में कहा गया कि वह बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे देहरादून के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से रवाना होने वाले थे।
कोश्यारी देहरादून से मसूरी जाएंगे।
बयान में कहा गया, "आज, 11 फरवरी 2021 को, माननीय राज्यपाल सीएसआईएम हवाईअड्डे पर सुबह 10:00 बजे पहुंचे और सरकारी विमान में सवार हो गए। हालांकि, माननीय राज्यपाल को सूचित किया गया कि सरकारी विमान के उपयोग की अनुमति नहीं मिली है।"
इसमें कहा गया कि उसके बाद राज्यपाल के निर्देश पर तत्काल देहरादून के लिए दोपहर 12.15 बजे मुंबई से रवाना होने वाले एक वाणिज्यिक विमान में राज्यपाल के लिए टिकट बुक किया गया और फिर, वह देहरादून के लिए रवाना हुए।
इस बारे में पूछे जाने पर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है और जानकारी मिलने के बाद ही वह इस पर टिप्पणी कर पाएंगे।
हालांकि, विपक्षी भाजपा ने इसपर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर "अहंकारी" होने और "बचकानी हरकतें" करने का आरोप लगाया तथा राज्य सरकार से माफी मांगने को कहा।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य सरकार को राज्यपाल का "अपमान" करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस ने इसके लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने शिवसेना नीत गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह ‘‘अहंकारी’’ है और ‘‘बचकानी हरकतें’’ कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है।
फड़णवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस तरह की घटना राज्य में पहले कभी नहीं हुई। राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पद है। लोग आते-जाते रहेंगे, लेकिन पद कायम रहेगा। राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं। राज्यपाल ही मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को नियुक्त करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि राज्यपाल की पूरी यात्रा का कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया था। मुख्य सचिव इस बारे में जानते थे और मुख्यमंत्री के पास भी एक फाइल गई थी। लेकिन जानबूझकर, राज्यपाल को विमान में बैठने की अनुमति नहीं दी गई और आखिरकार उन्हें विमान से उतरना पड़ा।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार बचकानी हरकतें कर रही है। मेरे मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार का इस तरह का अहंकारी रवैया गलत है...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना से राज्य की छवि धूमिल होगी।’’
गौरतलब है कि राज्य की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार और राज्यपाल के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहे हैं।
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