राज्यपाल कोश्यारी बोले- 'गुजराती-राजस्थानी चले जाएंगे तो मुंबई नहीं रहेगी आर्थिक राजधानी', विपक्ष ने की माफी की मांग
By मनाली रस्तोगी | Published: July 30, 2022 09:44 AM2022-07-30T09:44:50+5:302022-07-30T09:45:51+5:30
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अगर महाराष्ट्र, खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा।
मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, उन्होंने शुक्रवार को महाराष्ट्र में मौजूद गुजरातियों और राजस्थानियों को लेकर एक बयान दिया, जिसकी वजह से अब विपक्ष उनपर लगातार हमला बोल रहा है। विपक्ष का कहना है कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र अपमान किया है।
#WATCH | If Gujaratis and Rajasthanis are removed from Maharashtra, especially Mumbai and Thane, no money would be left here. Mumbai would not be able to remain the financial capital of the country: Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari pic.twitter.com/l3SlOFMc0v
— ANI (@ANI) July 30, 2022
कोश्यारी ने कहा कि अगर महाराष्ट्र, खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह पाएगी। मुंबई के अंधेरी पश्चिम क्षेत्र में एक स्थानीय चौक का नाम शुक्रवार को दिवंगत श्रीमती शांतिदेवी चम्पालालजी कोठारी के नाम पर रखा गया। इस मौके पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ये बात कही। वहीं, कोश्यारी का वीडियो अब काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्रात भाजपा पुरस्कृत मुख्यमंत्री होताच मराठी माणूस आणि शिवरायांचा अपमान सुरू झाला..स्वाभिमान अभिमान यावर बाहेर पडलेला गट हे ऐकूनही गप्प बसणार असेल तर शिवसेनेचे नाव घेऊ नका..मुख्यमंत्री शिंदे..राज्यपालांचा साधा निषेध तरी करा.मराठी कष्टकरी जनतेचा हा अपमान आहे..
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 30, 2022
ऐका .. ऐका... pic.twitter.com/dOvC2B0CFu
इस बीच तमाम विपक्षी दलों ने राज्यपाल के इस बयान को महाराष्ट्र का अपमान बताया और मांग की कि वो इसके लिए माफी मांगे। इस संबंध में शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा, "जैसे ही महाराष्ट्र में बीजेपी प्रायोजित मुख्यमंत्री ने मराठी आदमी और शिवराय का अपमान करना शुरू कर दिया। स्वाभिमान पर निकला समूह अगर यह सुनकर भी चुप रहने वाला है तो शिवसेना का नाम न लें..सीएम शिंदे..कम से कम राज्यपाल की निंदा करें। यह मराठी मेहनतकश लोगों का अपमान है।"
राज्याचा राज्यपाल त्याच राज्याच्या जनतेची बदनामी करतो हे भयंकर आहे. गुजराती राजस्थानी हा विषय राहू द्या यांनाच सर्वात आधी नारळ दिला पाहिजे. यांच्या कारकिर्दीत राज्यपाल या संस्थेचा व महाराष्ट्राच्या राजकीय परंपरेचा स्तर तर खालावला आहेच, पण महाराष्ट्राचा अवमानही सातत्याने झाला आहे. pic.twitter.com/jfM1pQ4p0w
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) July 29, 2022
बता दें कि संजय राउत ने मराठी में ट्वीट कर ये बात कही। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि यह भयानक है कि राज्य के राज्यपाल उसी राज्य के लोगों को बदनाम करते हैं। गुजराती और राजस्थानी को पहले नारियल देना चाहिए। उनके शासनकाल में राज्यपाल की संस्था का स्तर और महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा का न केवल पतन हुआ है, बल्कि महाराष्ट्र का भी लगातार अपमान हुआ है।
महाराष्ट्र आणि मुंबईतील माणूस कर्तबगार आणि सक्षम आहे. मराठी माणसाच्या जीवावर अनेक राज्य पोसल्या जातात. आम्ही चटणी भाकर खाऊन पोट भरून इतरांना पोसणारी इमानदार माणसे आहोत. आपण मराठी माणसाचा अपमान केलाय महाराष्ट्राची लवकरात लवकर माफी मागा.@BSKoshyaripic.twitter.com/osCB25qC5a
— आ. अमोल रामकृष्ण मिटकरी (@amolmitkari22) July 29, 2022
इस बीच एनसीपी विधायक अमोल मितकारी ने कहा है कि महाराष्ट्र और मुंबई के लोग कुशल और सक्षम हैं। एक मराठी व्यक्ति के जीवन पर कई राज्य खिलाए जाते हैं। हम ईमानदार लोग हैं जो चटनी रोटी खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। विधायक मितकारी ने कहा है कि आपने मराठी लोगों का अपमान किया है, जल्द से जल्द महाराष्ट्र से माफी मांगें।