दिल्ली में भिखारियों के पुनर्वास के लिए सरकार ने शुरू की पायलट परियोजना
By भाषा | Updated: November 1, 2021 18:40 IST2021-11-01T18:40:23+5:302021-11-01T18:40:23+5:30

दिल्ली में भिखारियों के पुनर्वास के लिए सरकार ने शुरू की पायलट परियोजना
नयी दिल्ली, एक नवंबर राष्ट्रीय राजधानी को भिखारियों से मुक्त करने के प्रयास में सरकार ने, मध्य दिल्ली में भिखारियों को प्रशिक्षण और कौशल विकास के जरिये आजीविका कमाने का अवसर देने के लिए सोमवार को एक पायलट परियोजना की शुरुआत की।
सामाजिक कल्याण विभाग और मानव विकास संस्थान द्वारा फरवरी में कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली में लगभग 2,0719 लोग भीख मांगने का काम करते हैं। इनमें से 10,987 पुरुष, 9,541 महिलाएं और 191 ट्रांसजेंडर हैं। भीख मांगने वालों की सबसे ज्यादा संख्या (2,797) पूर्वी दिल्ली जिले में है।
यह परियोजना पुरुषों के लिए आश्रय गृह, कटरा मौला बक्श, रोशनआरा रोड पर और महिलाओं के लिए आश्रय गृह (डीयूएसआईबी रात्रि आश्रय), खैरिया मोहल्ला, रोशनआरा रोड पर क्रियान्वित की जाएगी। विभाग ने महिलाओं को तीन महीने तक खाद्य प्रसंस्करण (जैम, जेली, अचार) में प्रशिक्षण देने का काम मोजैक प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। इसके अलावा आश्रय अधिकार अभियान के तहत पुरुषों को मोबाइल की मरम्मत का काम सिखाया जाएगा।
सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य दिल्ली को भिखारियों से मुक्त करना और भीख मांगने वालों का पुनर्वास करना है।
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