सरकार ने चीनी निवेश को पीछे धकेला, चीनी सैनिकों को नहीं : शिवसेना

By भाषा | Updated: December 27, 2020 18:19 IST2020-12-27T18:19:35+5:302020-12-27T18:19:35+5:30

Government pushed back Chinese investment, not Chinese soldiers: Shiv Sena | सरकार ने चीनी निवेश को पीछे धकेला, चीनी सैनिकों को नहीं : शिवसेना

सरकार ने चीनी निवेश को पीछे धकेला, चीनी सैनिकों को नहीं : शिवसेना

मुंबई, 27 दिसंबर शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने शायद चीनी निवेश को पीछे धकेला होगा, लेकिन वह भारतीय भू-भाग में घुसपैठ करने वाले चीनी सैनिकों को पीछे धकेल पाने में सक्षम नहीं रही है।

शिवसेना के (मराठी) मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘‘रोकटोक’’ में राउत ने यह दावा किया है।

वहीं, भाजपा ने शिवसेना के राज्यसभा सदस्य के इस दावे को हास्यास्पद बताया है। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को निशाना बनाने का उनका यह एकसूत्री एजेंडा है।’’

राउत के स्तंभ में कहा गया है, ‘‘हम चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने में अक्षम रहे, लेकिन हमने चीनी निवेश को पीछे धकेल दिया। ’’

शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘निवेश बंद करने के बजाय, हमें चीनी सैनिकों को लद्दाख से पीछे धकेलना चाहिए था। ’’

उपाध्ये ने कहा कि उन्होंने राउत के स्तंभ को अभी नहीं पढ़ा है। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘खैर लोग इस तरह के दावे को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ’’

राउत ने यह भी लिखा है कि राज्यों और केंद्र के बीच संबंधों में खटास आई है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि केंद्र में सत्ता में बैठे लोग यह महसूस नहीं करते हैं कि वे राजनीतिक हथकंडों के जरिए लोगों का अहित कर रहे हैं, तो राज्य उसी तरह से अलग होने लगेंगे जैसे सोवियत संघ का विघटन हुआ था।’’

राउत ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं हैं, वे भी देश का ही हिस्सा हैं लेकिन उन्हें भुलाया जा रहा है।’’

उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी सरकार ने हर नागरिक के लिए प्रति मास कोरोना वायरस राहत पैकेज के तौर पर 85,000 रुपये मुहैया किए हैं। लेकिन भारत में इस तरह का राहत पैकेज नहीं लाया गया।

राउत ने कहा, ‘‘केंद्र के पास पैसा नहीं है लेकिन चुनाव जीतने के लिए, सरकारें गिराने के लिए और नयी सरकार बनाने के लिए पैसा है। देश के ऊपर कर्ज का बोझ राष्ट्रीय राजस्व प्राप्ति से कहीं अधिक है। यदि हमारे प्रधानमंत्री ऐसी स्थिति में भी चैन की नींद सोते हैं, तो वे सराहना के पात्र हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के चलते लोगों की जान चली गई, लेकिन संसद ने अपनी आत्मा गंवा दी। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी भावनाओं को नजरअंदाज कर रही है और इसके बजाय अयोध्या में राम मंदिर (निर्माण) जैसे भावनात्मक मुद्दे उठा रही है। ’’

राउत ने कहा कि भारत के संसदीय लोकतंत्र का भविष्य इस साल खतरे में पड़ गया। जाने माने लोगों ने प्रधानमंत्री को बताया कि 1,000 करोड़ रुपये की लागत से नया संसद भवन बनाने के बजाय यह धन स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर के लिए लोगों से चंदा लिया जा रहा। यदि नये संसद परिसर के लिए भी इसी तरह लोगों से चंदा मांगा जाता, तो इस तरह के भवन के लिए एक लाख रुपया भी नहीं एकत्र होता क्योंकि इस तरह के भवन लोगों के लिए अनुपयोगी हो गये हैं।

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Web Title: Government pushed back Chinese investment, not Chinese soldiers: Shiv Sena

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