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'असम में बंद होंगे सरकारी मदरसे और संस्कृत केन्द्र', असम के शिक्षा मंत्री ने कहा-नवंबर में जारी की जाएगी अधिसूचना

By भाषा | Updated: October 18, 2020 06:56 IST

मंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों को कुमार भास्करवर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय के सुपुर्द कर शिक्षण तथा अध्ययन केन्द्रों में तब्दील किया जाएगा, जहां भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद का अध्ययन कराया जाएगा।

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ठळक मुद्देसभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने जा रही है: हिमंत बिस्वाउन्होंने यह भी कहा कि मदरसे देश की आजादी से पूर्व के काल में खोले गये थे और ये ‘‘मुस्लिम लीग’’की विरासत हैं।

गुवाहाटी: असम सरकार राज्य में सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद करने जा रही है और इस सिलसिले में अधिसूचना नवंबर में जारी की जाएगी। राज्य के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को यह कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मदरसे देश की आजादी से पूर्व के काल में खोले गये थे और ये ‘‘मुस्लिम लीग’’की विरासत हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और सरकार द्वारा संचालित सभी मदरसों को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा।

मौजूदा छात्रों को नियमित छात्रों के तौर पर नये सिरे से दाखिले लिये जाएंगे। उन्होंने कहा, ''अंतिम वर्ष के छात्रों को उत्तीर्ण हो कर वहां से निकलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन इन स्कूलों में अगले साल जनवरी में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को नियमित छात्रों की तरह पढ़ाई करनी होगी।'' मंत्री ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों को कुमार भास्करवर्मा संस्कृत विश्वविद्यालय के सुपुर्द कर शिक्षण तथा अध्ययन केन्द्रों में तब्दील किया जाएगा, जहां भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद का अध्ययन कराया जाएगा।

उन्होंने कहा, ''यह कदम इसलिये उठाया गया है, ताकि इन छात्रों को भी असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सेबा) के तहत नियमित शिक्षा मिल सके।'' सरमा ने कहा, ‘‘हालांकि, उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वालों के समान माना जाता है...।’’ मदरसों और संस्कृति विद्यालयों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को नियमति विद्यालयों के समान भारांश (वेटेज) दिया जाना 1990 के दशक में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था और तब से यह जारी था।

मंत्री से जब पूछा गया कि क्या यह फैसला अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया गया है, तो उन्होंने कहा, ''यह चुनावी मुद्दा कैसे हो सकता है। हम केवल सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद कर रहे हैं, न कि निजी मदरसों को।'' सरमा ने कहा कि असम में सरकार द्वारा संचालित 610 मदरसे हैं, जिन पर सरकार के सालाना 260 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। 

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