गन्ने से तैयार एथनॉल की इतनी बढ़ाई गई कीमत, मोदी कैबिनेट ने किया फैसला

By भाषा | Published: October 29, 2020 06:35 PM2020-10-29T18:35:23+5:302020-10-29T18:35:23+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने दिसंबर 2020 से शुरू हो रहे आपूर्ति वर्ष के लिये गन्ना से निकाले गये एथनॉल की कीमत मौजूदा 59.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी।

Government hikes sugarcane-ready ethanol by Rs 3.34 a liter | गन्ने से तैयार एथनॉल की इतनी बढ़ाई गई कीमत, मोदी कैबिनेट ने किया फैसला

गन्ने से तैयार एथनॉल की इतनी बढ़ाई गई कीमत, मोदी कैबिनेट ने किया फैसला

Highlightsकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोल में मिश्रण के लिये गन्ने से निकाले जाने वाले एथनॉल की कीमत में 3.34 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि को मंजूरी दे दी। पेट्रोलियम में एथनॉल मिलाने के कार्यक्रम से गन्ना किसानों को फायदा पहुंचने के साथ साथ पेट्रोलियम आयात पर खर्च कम करने में भी मदद मिल रही है।

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोल में मिश्रण के लिये गन्ने से निकाले जाने वाले एथनॉल की कीमत में बृहस्पतिवार को 3.34 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि को मंजूरी दे दी। सरकार ने कार्यक्रम को तेज करने के लिए यह निर्णय लिया है। पेट्रोलियम में एथनॉल मिलाने के कार्यक्रम से गन्ना किसानों को फायदा पहुंचने के साथ साथ पेट्रोलियम आयात पर खर्च कम करने में भी मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने दिसंबर 2020 से शुरू हो रहे आपूर्ति वर्ष के लिये गन्ना से निकाले गये एथनॉल की कीमत मौजूदा 59.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सी-हैवी मोलासेज (खांड़) से तैयार एथनॉल की दर 43.75 रुपये से बढ़ाकर 45.69 रुपये प्रति लीटर और बी-हैवी मोलासेज से बने एथनॉल की दर 54.27 रुपये से बढ़ाकर 57.61 रुपये प्रति लीटर कर दी गयी है। भारत ईंधन की जरूरतों की पूर्ति के लिये 85 प्रतिशत आयात पर निर्भर है।

भारत वाहनों का उत्सर्जन कम करने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थां का आयात घटाने के लिये पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाने की अनुमति देता है। यह गन्ना किसानों को अपनी फसल बेचने का एक अन्य विकल्प भी प्रदान करता है। ईंधन विपणन कंपनियों के द्वारा भुगतान की गयी एथनॉल कीमत में लगातार वृद्धि से एथनॉल की खरीद 2013-14 के 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2019-20 में 195 करोड़ लीटर पर पहुंच गयी।

जावड़ेकर ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल में मिलाने के लिये बनाये गये एथनॉल पर लगने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ढुलाई की लागत का वहन करेंगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘एथनॉल शून्य उत्सर्जन वाला पर्यावरण के बेहद अनुकूल ईंधन है।’’ इससे पहले तक हर प्रकार के एथनॉल के लिये एक ही कीमत थी, लेकिन अब सरकार ने अलग स्रोतों वाले एथनॉल की अलग-अलग कीमतें निर्धारित की है। अभी सी-हैवी मोलासेज, बी-हैवी मोलासेज, गन्ना रस और चीनी से बने एथनॉल खरीदने की मंजूरी है। तेल विपणन कंपनियों के द्वारा एथनॉल खरीदने का सत्र एक दिसंबर 2020 से 30 नवंबर 2021 तक चलेगा। मौजूदा विपणन सत्र अगले महीने समाप्त होगा।

इसमें चीनी मिलें अभी तक करीब 195 करोड़ लीटर एथनॉल उपलब्ध करा चुकी हैं। इनमें से 142 करोड़ लीटर यानी करीब 73 प्रतिशत की आपूर्ति तेल विपणन कंपनियों को की जा चुकी है। सरकार के 10 प्रतिशत तक मिश्रण की मंजूरी दी है। पर अभी उपलब्धता कम होने के कारण पेट्रोल में पांच प्रतिशत एथनॉल की मिलावट पेट्रोल में की जा रही है।

तेल विपणन कंपनियों ने 2020-21 में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलावट का लक्ष्य पाने के लिये 465 करोड़ लीटर एथनॉल खरीदने की योजना तय की है। चीनी मिलों के पास करीब 3.55 अरब लीटर एथनॉल का उत्पादन करने की क्षमता है, जिनके कुछ साल में बढ़कर करीब 4.66 अरब लीटर हो जाने का अनुमान है। 

Web Title: Government hikes sugarcane-ready ethanol by Rs 3.34 a liter

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