फेक न्यूज फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों का सरकार ने किया भंडाफोड़, हो सकती है कार्रवाई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 9, 2023 06:38 PM2023-08-09T18:38:41+5:302023-08-09T18:40:08+5:30

जिन चैनलों को फेक न्यूज फैलाने में संलिप्त पाया गया है उनमें यहां सच देखो, कैप्टिल टीवी, केवीएस न्यूज, सरकारी ब्लॉग, अर्न टेक इंडिया, एसपीएन9 न्यूज, एजुकेशनल दोस्त और वर्ल्ड बेस्ट न्यूज शामिल हैं।

government busted eight YouTube channels for spreading fake news | फेक न्यूज फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों का सरकार ने किया भंडाफोड़, हो सकती है कार्रवाई

भारत सरकार ने 8 ऐसे यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है जो फेक न्यूज फैला रहे थे

Highlightsभारत सरकार ने 8 ऐसे यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है जो फेक न्यूज फैला रहे थेसमय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा से जुड़ी गलत खबर चलाई थीसरकार की योजनाओं और ईवीएम और भारतीय सेना के बारे में भी फैलाई गलत जानकारी

नई दिल्ली : भारत सरकार ने 8 ऐसे यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है जो फेक न्यूज फैला रहे थे। ये यूट्यूब चैनल  समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की घोषणा और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर पाबंदी लगाये जाने जैसी फर्जी खबरें फैलाने में संलिप्त थे। इन सभी चैनलों को मिलाकर इनके सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 2 करोड़ तीस लाख से भी अधिक है।

जिन चैनलों को फेक न्यूज फैलाने में संलिप्त पाया गया है उनमें यहां सच देखो, कैप्टिल टीवी, केवीएस न्यूज, सरकारी ब्लॉग, अर्न टेक इंडिया, एसपीएन9 न्यूज, एजुकेशनल दोस्त और वर्ल्ड बेस्ट न्यूज शामिल हैं। इन चैनलों पर मौजूद वीडियोज की  पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने फर्जी खबरें फैलाने के लिए ‘फैक्टचेक’ (तथ्यों की पड़ताल) किया। 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि वर्ल्ड बेस्ट न्यूज यूट्यूब चैनल के 17 लाख सब्सक्राइबर हैं और इसे 18 करोड़ बार देखा गया है और पाया गया कि यह भारतीय थलसेना के बारे में गलत सूचना फैला रहा था। चैनल एजुकेशनल दोस्त के 34.3 लाख से अधिक सब्सक्राइबर और 23 करोड़ ‘व्यूज’ के साथ, सरकारी योजनाओं के बारे में गलत जानकारी फैला रहा था, जबकि 48 लाख से अधिक सब्सक्राइबर और 189 करोड़ ‘व्यूज’ के साथ एसपीएन9 न्यूज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहा था।

45 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर और 9.4 करोड़ से ज्यादा ‘व्यूज’ वाला चैनल सरकारी ब्लॉग, सरकारी योजनाओं के बारे में फर्जी खबरें फैलाता पाया गया।  चैनल 'केपीएस न्यूज', जिसके 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और 13 करोड़ से अधिक व्यूज हैं, सरकार से संबंधित योजनाओं, आदेशों और निर्णयों जैसे 20 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर और 15 रुपये प्रति लीटर में पेट्रोल की उपलब्धता के बारे में फर्जी खबरें फैला रहा था।

35 लाख से अधिक सब्सक्राइबर और 160 करोड़ से अधिक व्यूज वाला चैनल 'कैपिटल टीवी' भी प्रधानमंत्री, सरकार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की घोषणा से संबंधित आदेशों के बारे में फर्जी खबरें प्रचारित कर रहा था। 3 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स और 100 मिलियन से अधिक व्यूज वाला यूट्यूब चैनल 'यहां सच देखो' चुनाव आयोग और भारत के मुख्य न्यायाधीश के बारे में फर्जी खबरें फैला रहा था।

31,000 से अधिक सब्सक्राइबर और 3.6 मिलियन व्यूज के साथ 'अर्न इंडिया टेक' को आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य से संबंधित फर्जी खबरें प्रचारित करते हुए पाया गया।

Web Title: government busted eight YouTube channels for spreading fake news

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