राज्य सरकार को खुशखबरीः मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों की तैनाती के शुल्क में कमी की

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 11, 2019 08:43 PM2019-10-11T20:43:18+5:302019-10-11T20:43:18+5:30

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। संशोधित दरों के अनुसार सामान्य श्रेणी के राज्यों को वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सात-कंपनी वाली बटालियन की तैनाती के लिये 13.7 करोड़ रुपये वार्षिक भुगतान करना होगा। इसमें बलों का यात्रा खर्च और आवाजाही की वास्तविक लागत शामिल नहीं है।

Good news to the state government: Modi government reduced the fee for the deployment of armed forces | राज्य सरकार को खुशखबरीः मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों की तैनाती के शुल्क में कमी की

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों को संशोधित दरों से अवगत कराया गया था।

Highlights2019-19 के दौरान यह शुल्क 52.40 करोड़ रुपये था। सीएपीएफ की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।वित्तवर्ष 2014-15 से 2017-18 तक 5 फीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ राशि तय की गई है।

केन्द्र सरकार ने राज्यों के लिए सांप्रदायिक तनाव व उग्रवाद संबंधी हिंसा समेत कानून-व्यवस्था से जुड़ी स्थितियों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती के शुल्क की राशि में भारी कमी की है।

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। संशोधित दरों के अनुसार सामान्य श्रेणी के राज्यों को वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सात-कंपनी वाली बटालियन की तैनाती के लिये 13.7 करोड़ रुपये वार्षिक भुगतान करना होगा। इसमें बलों का यात्रा खर्च और आवाजाही की वास्तविक लागत शामिल नहीं है।

2019-19 के दौरान यह शुल्क 52.40 करोड़ रुपये था। सीएपीएफ की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य श्रेणी के राज्यों में इतनी संख्या में जवानों की तैनाती के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 या 2023-24 के लिए शुल्क क्रमश: 15.40 करोड़, 17.36 करोड़, 19.65 करोड़ और 22.30 करोड़ रुपये होंगे।

वित्तवर्ष 2014-15 से 2017-18 तक 5 फीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ राशि तय की गई है। वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16,2016-17 और 2017-18 के लिए तैनाती का शुल्क क्रमश: 43.10 करोड़, 45.26 करोड़, 47.52 करोड़ और 49.90 करोड़ रुपये था।

अधिकारी ने कहा कि उच्च जोखिम और अत्यधिक कठिनाई वाले क्षेत्रों में एक सीएपीएफ बटालियन की तैनाती के लिए प्रति वर्ष वसूली योग्य राशि 34.26 करोड़ रुपये (2019-20), 35.96 करोड़ रुपये (2020-21), 37.93 करोड़ रुपये (2021-22), 40.21 करोड़ रुपये (2022-23) और 42.86 करोड़ रुपये (2023-24) होगी।

अधिकारी ने कहा कि उच्च जोखिम और मध्यम कठिनाई वाले क्षेत्रों में एक सीएपीएफ बटालियन की तैनाती के लिए प्रति वर्ष वसूली योग्य राशि 25.18 करोड़ रुपये (2019-20), 26.88 करोड़ रुपये (2020-21), 28.85 करोड़ रुपये (2021-22), 31.13 करोड़ रुपये (2022-23) और 33.78 करोड़ रुपये (2023-24) होगी। अधिकारी ने बताया कि 2014-15 और 2018-19 के बीच उच्च जोखिम, अत्यधिक कठिनाई या मध्यम कठिनाई वाले क्षेत्रों का कोई वर्गीकरण नहीं था।

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों को संशोधित दरों से अवगत कराया गया था। नयी दरें वित्तीय वर्ष 2019-20 से लागू होंगी। बिना विधायिका वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को तैनाती शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तैनात सीएपीएफ जवानों के लिये उपयुक्त और पर्याप्त आवास तथा संबद्ध सुविधाओं जैसे पानी, बिजली की आपूर्ति आदि की लागत वहन करना होता है।

इस लागत की प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा नहीं की जाती। पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को तैनाती शुल्क का केवल 10 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। 

Web Title: Good news to the state government: Modi government reduced the fee for the deployment of armed forces

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