चुनाव आयोग की अनुमति का इंतजार, मोदी सरकार बढ़ाएगी मनरेगा की मजदूरी
By रजनीश | Published: March 27, 2019 03:35 PM2019-03-27T15:35:39+5:302019-03-27T16:40:21+5:30
तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2005 को की थी। मनरेगा से पहले इस योजना को राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) के नाम से जाना जाता था।
चुनाव आयोग महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दी जाने वाली मजदूरी दरों को एक अप्रैल से संशोधित करने की अनुमति देने के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुरोध को पुरानी परिपाटी का पालन करते हुये मंजूर कर सकता है। मंत्रालय ने चुनाव आयोग से मनरेगा के तहत श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी की दरें संशोधित करने की मंजूरी मांगी थी।
आयोग के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस बारे में जल्द ही मंत्रालय को आयोग की अनुशंसा से अवगत करा दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के तहत भुगतान की गई मजदूरी को कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) के साथ जोड़ा जाता है और नई मजदूरी दरें एक अप्रैल को अधिसूचित की जाती हैं।
1 अप्रैल को नये वित्तीय वर्ष की शुरूआत होती है। इससे देश भर के कई करोड़ लाभार्थियों को फायदा हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि यह एक नियमित प्रक्रिया है। चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नई दरों को अधिसूचित करने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेना अनिवार्य है।
क्या है मनरेगा?
कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में चलाई गयी इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्राम का विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्रदान करना और ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाना है। जिससे ग्रामीणों का पलायन रुक सके। इसमें किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को साल में सौ दिनों का रोज़गार देने का उद्देश रखा गया है।
तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2005 को की थी। मनरेगा से पहले इस योजना को राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) के नाम से जाना जाता था। 31 दिसंबर 2009 को इस योजना के नाम में परिवर्तन करके इसे महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) कर दिया गया।
मनरेगा के कार्य-
जल संरक्षण, सूखे की रोकथाम के अंतर्गत वृक्षारोपण, बाढ़ नियंत्रण, भूमि विकास, विभिन्न तरह के आवास निर्माण, लघु सिंचाई, बागवानी, ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण। इन सबके अलावा ऐसे कार्य जिसे केंद्र सरकार राज्य सरकारों से सलाह लेकर अधिसूचित करती है वो भी मनरेगा के कार्यक्षेत्र में आते हैं।
(भाषा इनपुट के साथ)