गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने 2 और आरोपियों को दिया उम्रकैद, 3 बरी, जानिए क्या था मामला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 27, 2018 03:20 PM2018-08-27T15:20:55+5:302018-08-27T15:20:55+5:30
Godhra Train Carnage News Updates in Hindi: गोधरा स्टेशन पर वर्ष 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाकर 59 लोगों को जिंदा जलाए गए थे।
अहमदाबाद, 27 अगस्त: 27 फरवरी 2002 में हुए गोधरा कांड मामले में एसआईटी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पांच में से दो और लोगों को दोषी ठहराया है। इसके साथ ही अन्य तीन को बरी कर दिया। मामले में दोषी करार किए गए इमरान उर्फ शेरू भटुक और फारूक भाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं, हुस्सैन सुलेमान मोहन, कासम भमेड़ी और फारूक धांतिया को बरी कर दिया गया था। ये सभी पांचों गोधरा के ही निवासी हैं। साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में गोधरा स्टेशन पर हुए अग्निकांड में 59 लोग जिंदा जल गए थे। इनमें से 50 लोग कार सेवक थे।
2002 Godhra train burning case: Two accused found guilty, three acquitted by special SIT court in Ahmedabad. #Gujaratpic.twitter.com/NzTImuaYAa
— ANI (@ANI) August 27, 2018
विशेष न्यायाधीश एच सी वोरा ने इस मामले में फैसला सुनाया है। इन पांच लोगों को वर्ष 2015-16 में गिरफ्तार किया गया था। इन पर साबरमती केंद्रीय जेल में विशेष तौर पर स्थापित की गई अदालत में मुकदमा चलाया गया था। मोहन को मध्य प्रदेश के झाबुआ से गिरफ्तार किया गया था, जबकि भामेड़ी को गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था। धानतिया और भाना को गुजरात के गोधरा से उनके घरों से पकड़ा गया। भूतक को महाराष्ट्र के मालेगांव से पकड़ा गया था।इस मामले के आठ आरोपी अब भी फरार हैं।
इससे पहले विशेष एसआईटी अदालत ने एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी करार दिया था। अदालत ने उनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई थी जबकि 20 अन्य को उम्रकैद की सजा दी थी। हालांकि अक्तूबर 2017 में गुजरात उच्च न्यायलय ने 11 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी थी। वहीं, 20 दोषियों को उम्रकैद तथा 63 आरोपियों को बरी करने के फैसले को नहीं बदला था। बता दें कि इस मामले में अभी तक 94 में से 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। कुल 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि गोधरा स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में तकरीबन 94 आरोपी मुस्लिल थे, जिनपर हत्या और प्लानिंग का आरोप लगा था। लेकिन हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाए 11 दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में तब्दील कर दिया।
क्या था मामला
बता दें कि अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूर गोधरा स्टेशन पर फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के कोच में आग लगा दी गई थी। उसमें 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जिनमें से 50 से अधिक लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे।
(भाषा इनपुट)