आम्रपाली मामले में कारवाई के लिये फारेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ईडी, पुलिस, आईसीएआई को दी जाए: न्यायालय

By भाषा | Published: August 27, 2019 06:09 AM2019-08-27T06:09:36+5:302019-08-27T06:09:36+5:30

आईसीएआई ने आम्रपाली समूह के सांविधिक आडिटरों के खिलाफ कार्रवाई के लिये फारेंसिक आडिट की रिपोर्ट मांगी है। पीठ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को दिए निर्देश में कहा कि वे घर खरीदारों को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ (नोडल सेल) बनाएं।

Give forensic audit report to ED, Delhi police, ICAI in Amrapali case says Supreme Court | आम्रपाली मामले में कारवाई के लिये फारेंसिक ऑडिट रिपोर्ट ईडी, पुलिस, आईसीएआई को दी जाए: न्यायालय

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Highlightsशीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले में चल रही जांच को आगे बढ़ाने के लिये फारेंसिक ऑडिट रिपोर्ट सात दिन के भीतर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस आयुक्त और आईसीएआई के चेयरमैन को सौंपी जानी चाहिये।फारेंसिक ऑडिट किसी कंपनी के हिसाब किताब का विस्तृत लेखा परीक्षण होता है जिसे अदालती प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाता है।

उच्चतम न्यायालय ने घर खरीदारों की 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की कथित हेराफेरी के मामले में आम्रपाली समूह के निदेशकों और आडिटरों के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिये फारेंसिक रिपोर्ट को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली पुलिस और भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) को सौंपने के निर्देश दिये हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा है कि मामले में चल रही जांच को आगे बढ़ाने के लिये फारेंसिक ऑडिट रिपोर्ट सात दिन के भीतर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस आयुक्त और आईसीएआई के चेयरमैन को सौंपी जानी चाहिये। फारेंसिक ऑडिट किसी कंपनी के हिसाब किताब का विस्तृत लेखा परीक्षण होता है जिसे अदालती प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाता है।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की पीठ ने शीर्ष न्यायालय की रजिस्ट्री की देखरेख में रखे गये खाते में जमा 22.47 करोड़ रुपये में से 7.16 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को देने के लिये कहा है। यह धन कंपनी को आम्रपाली समूह की कुछ अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए देने को कहा गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘इस स्तर पर, यह निर्देश दिया जाता है कि इस न्यायालय की रजिस्ट्री एक सप्ताह के भीतर एनबीसीसी के पक्ष में 7.16 करोड़ रुपये की राशि जारी करे।’’ फारेंसिक आडिट रिपोर्ट की प्रति ईडी और पुलिस को सौंपे जाने के मामले में पीठ ने कहा कि इस आग्रह को स्वीकार किया जाता है और निर्देश देते हैं कि फारेंसिक आडिटरों की रिपोर्ट की प्रति सीलबंद लिफाफे में प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त को सात दिन के भीतर उपलब्ध कराई जाये। इसी तरह का निर्देश आईसीएआई के मामले में भी दिया जाता है।

आईसीएआई ने आम्रपाली समूह के सांविधिक आडिटरों के खिलाफ कार्रवाई के लिये फारेंसिक आडिट की रिपोर्ट मांगी है। पीठ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को दिए निर्देश में कहा कि वे घर खरीदारों को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ (नोडल सेल) बनाएं।

शीर्ष न्यायालय ने प्राधिकरणों को आम्रपाली मामले का कामकाज देख रहे कोर्ट रिसीवर के साथ समन्वय के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने का भी निर्देश दिया है। यह अधिकारी उप प्रबंधक स्तर से नीचे का नहीं होना चाहिए। न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को नियत की।

न्यायालय ने घर खरीदारों के अधिवक्ता एम एल लाहोटी से आम्रपाली समूह की विभिन्न परियोजनाओं में रह रहे लोगों का परियोजना वार ब्योरा तैयार करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले 13 अगस्त को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से आम्रपाली की विभिन्न परियोजनाओं में रह रहे हजारों परेशान घर खरीदारों को कार्यपूर्ण होने का प्रमाणपत्र देने को कहा था। अधिकारियों को चेतावनी भी दी गई थी कि यदि उन्होंने ऐसा करने में कोई अनाकानी की तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है। 

 

Web Title: Give forensic audit report to ED, Delhi police, ICAI in Amrapali case says Supreme Court

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