गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के MD को भेजा नोटिस, सात दिन में पुलिस स्टेशन आकर बयान दर्ज कराने को कहा
By विनीत कुमार | Published: June 18, 2021 08:04 AM2021-06-18T08:04:29+5:302021-06-18T08:29:36+5:30
गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग शख्स की पिटाई और वायरस हुए वीडियो के मामले में ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग एडिटर को नोटिस भेजा गया है। उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का समय पुलिस ने दिया है।
गाजियाबाद: बुजुर्ग शख्स की पिटाई और उसके वायरल वीडियो के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस भेजा है। ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष महेश्वरी को 7 दिनों के अंदर लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन आने और अपना बयान रिकॉर्ड कराने को कहा गया है। इससे पहले पिछले महीने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने भी मनीष महेश्वरी से कथित 'कांग्रेस टूलकिट' के संबंध में पूछताछ की थी।
बहरहाल, ताजा मामला गाजियाबाद के लोनी के वायरल वीडियो को लेकर है। इस वीडियो को लेकर इससे पहले ट्विटर सहित कुछ पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। ये एफआईआर लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है।
एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी ने गलत और भ्रामक सूचना को फैलाने का काम किया। साथ ही कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट डिलीट नहीं किए और न ही ट्विटर की ओर से ही ऐसा किया गया।
पुलिस और पीड़ित के परिवार के अलग-अलग बयान
दरअसल पूरा मामला सुफी अब्दुल समद नाम के बुजुर्ग शख्स से जुड़ा है। उनके साथ 5 जून को मारपीट की गई थी। समद ने एक सपा नेता के साथ फेसबुक लाइव में दावा किया मारपीट करने वालों ने उनसे 'वंदे मातरम' बोलने को कहा और 'जय श्री राम' के भी जबरन नारे लगवाए। साथ ही उनकी दाढ़ी काट दी गई।
यूपी पुलिस ने हालांकि कहा है कि इस घटना में सांप्रदायिकता का रंग नहीं है। पुलिस के अनुसार पीड़ित और आरोपी दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे। पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग शख्स ताबीज बेचने का काम करते थे। उन्होंने आरोपियों को भी ताबीज बेचा था लेकिन उसका असर नहीं दिखने पर नाराज आरोपियों ने पिटाई कर दी थी।
पुलिस ने बुजुर्ग से मारपीट करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया है। वहीं पीड़ित का परिवार पुलिस के दावों को खारिज कर रहा है। अब्दुल समद के बेटे का बयान भी मीडिया में आया जिसमें वे कह रहे हैं कि उनके परिवार में कोई भी ताबीज बेचने का काम नहीं करता है और पुलिस गलत जानकारी दे रही है।