गहलोत ने विधायक विकास कोष की राशि बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये सालाना की
By भाषा | Updated: March 18, 2021 23:13 IST2021-03-18T23:13:03+5:302021-03-18T23:13:03+5:30

गहलोत ने विधायक विकास कोष की राशि बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये सालाना की
जयपुर, 18 मार्च राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में विधायक विकास कोष की राशि को 2.25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये सालाना करने की घोषणा बृहस्पतिवार को की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में एक मई से ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना’ लागू कर राज्य के सभी परिवारों को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की कैशलैस चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
गहलोत विधानसभा में राजस्थान वित्त विधेयक और व राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
बजट के कार्यान्वयन को लेकर विपक्ष की चिंताओं को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार बजट घोषणाओं को पूरा करके दिखाएगी।
उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार अब तक 97,000 नयी नौकरियां दे चुकी हैं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने विधायक विकास कोष की राशि बढ़ाकर पांच करोड़ सालाना करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा,‘‘माननीय विधायकों की भावना को ध्यान में रखते हुए व राज्य के विकास हेतु मैं, विधायक विकास कोष एमएलए एलएडी की वर्तमान राशि 2.25 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष को बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किये जाने की घोषणा करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 फरवरी बजट पेश करते समय उन्होंने राज्य में 'यूनिर्वसल हेल्थ स्कीम' (सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना) लागू करने की घोषणा की थी जिसका पूरे राज्य में स्वागत हो रहा है।
उन्होंने इसका नामकरण ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना’ करते हुए कहा कि मजदूर दिवस एक मई से इसे लागू किया जाएगा और राज्य के सभी परिवारों को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष तक कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी। इस योजना के बचे परिवारों का पंजीकरण एक अप्रैल से शुरू होगा।
इस दौरान गहलोत ने कई घोषणाएं भी की जिनमें आबकारी विभाग से सम्बन्धित बकाया मांग व विवादित न्यायिक प्रकरणों में व्यापारियों को राहत देने हेतु एक अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 तक आबकारी एमनेस्टी योजना-2021 (आम माफी योजना) लाने की घोषणा शामिल है।
गहलोत ने कहा कि विषय-विशेषज्ञों की नियुक्ति हेतु भी खान, चिकित्सा, विश्वविद्यालय आदि के चिन्हित पदों के लिए 'लैट्रल एंट्री' का प्रावधान प्रस्तावित है जिससे अनुभवी विशेषज्ञों का लाभ राज्य को प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार अपने सवा दो साल के कार्यकाल में कुल मिलाकर 1.70 लाख से अधिक नई नौकरियों पर काम शुरू कर चुकी है।
उन्होंने कहा,‘‘ हम अब तक 97,000 नयी नियुक्तियां दे चुके हैं। 17,000 नौकरियों के लिए परीक्षा परिणाम जारी किए जा चुके हैं या परीक्षा आयोजित हो चुकी हैं। 37,000 भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी हो चुके हैं जल्द ही परीक्षा होगी जबकि 23,000 भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया चल रही है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी से अर्थव्यवस्था बहुत प्रभावित हुई है।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राज्यों व राजस्थान के प्रति व्यवहार को लेकर चिंता जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा कम कर रही है। इसकी वजह से 2019-20 में 10,000 करोड़ रुपये कम दिए गए। 2020-21 में 14,000 करोड़ रुपये कम किए हैं जबकि 2021-22 में पहले ही कह दिया कि आपके 12,000 करोड़ रुपये कम होंगे।
गहलोत ने कहा,‘‘ हालात को लेकिर चिंतित हूं। केंद्र सरकार का राजस्व पूरा आ रहा है फिर भी यह कटौती की जा रही है। इस प्रकार से जो हालात बने हैं उससे मैं चिंतित हूं। प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की बात करते हैं लेकिन वे खाली बोलते हैं व्यवहार में नहीं आ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि मीना व मीणा (जाति) का मुद्दा बार-बार आता है कि मैं सदन में स्पष्ट करना चाहूंगा कि मीना व मीणा एक ही हैं केवल स्पेलिंग का अंतर है। समय-समय रूप से अनावश्यक भ्रम की स्थिति बनती है जबकि ये दोनों एक ही हैं।
गहलोत ने कहा,‘‘हमारे द्वारा प्रदेश में ईडब्ल्यूएस आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) की पात्रता का सरलीकरण करते हुए आय की सीमा आठ लाख रुपये वार्षिक की गयी थी तथा सम्पत्ति आधारित शर्तों को हटा दिया गया था। अब मैं, ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भी अन्य वर्गों के समान आयु सीमा व फीस में छूट प्रदान करने की घोषणा करता हूं।’’
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया द्वारा बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन को लेकर सवाल उठाए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है हम बजट घोषणाओं को पूरा करके दिखाएंगे।
बृहस्पतिवार को बजट पर हुई चर्चा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने भी अपनी बात रखी और साामजिक न्याय के लक्ष्य हासिल करने और सदन की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया।
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