इडुक्की बांध के द्वार मंगलवार की सुबह खोले जाएंगे : केरल के जल संसाधन मंत्री

By भाषा | Updated: October 18, 2021 23:11 IST2021-10-18T23:11:39+5:302021-10-18T23:11:39+5:30

Gates of Idukki Dam to be opened on Tuesday morning: Kerala Water Resources Minister | इडुक्की बांध के द्वार मंगलवार की सुबह खोले जाएंगे : केरल के जल संसाधन मंत्री

इडुक्की बांध के द्वार मंगलवार की सुबह खोले जाएंगे : केरल के जल संसाधन मंत्री

इडुक्की/पतनमतिट्टा (केरल), 18 अक्टूबर एशिया के सबसे ऊंचे आर्च डैम में शामिल इडुक्की बांध के द्वार मंगलवार की सुबह खोल दिये जाएंगे। राज्य के जल मंत्री रोशी ऑगस्टीन ने सोमवार को बताया कि राज्य के पूर्व के अनुभव एवं लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए इसे खोला जाएगा।

इडुक्की जिला प्रशासन द्वारा बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण शाम छह बजे रेड अलर्ट जारी करने के बाद मंत्री ने पेरियार नदी पर बने बांध के द्वार को खोलने की घोषणा की। सोमवार की सुबह सात बजे बांध में पानी का जल स्तर 2396.86 फुट हो गया था और मंगलवार सुबह सात बजे तक इसे 2398.86 के ऊपरी स्तर को पार करने की संभावना है, इसलिए लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया।

मंत्री ने विज्ञप्ति जारी कर कहा, ‘‘इडुक्की बांध में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए इसके दो फाटकों को 50 सेंटीमीटर खोलने का निर्णय किया गया है, ताकि 100 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की दर से पानी निकल जाए।’’

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इडुक्की बांध के अलावा चलाकुडी नदी पर शोलयार और कक्की नदी पर कक्की बांध के द्वार को पहले ही खोल दिया गया है और एर्णाकुलम में इडामलयार तथा पतनमतिट्टा में पम्पा बांध के फाटक को मंगलवार की सुबह खोला जाना है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उन नदियों के किनारे रहने वाले लोगों से सोमवार को काफी सतर्कता बरतने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने को कहा, जिनपर बने बांध के द्वार खोले जा रहे हैं।

इन सभी बांधों के द्वार को खोले जाने से 2018 के बाढ़ की यादें ताजा हो सकती हैं, जब भारी बारिश के कारण राज्य के अधिकतर बांधों को खोल दिया गया था, जिस कारण काफी बाढ़ एवं भूस्खलन का सामना करना पड़ा था और कई लोगों की जान चली गई थी तथा संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था।

इडामलयार एवं इडुक्की बांधों से पानी छोड़े जाने पर यह एर्णाकुलम के व्यावसायिक केंद्र अलुवा से गुजरेगा, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने एक बैठक की।

बैठक के बाद राजीव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि इडुक्की एवं इडामलयार बांधों से छोड़ा गया पानी पेरियार में एक साथ नहीं बहे।

इससे पहले केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने सोमवार को बताया कि जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने के बाद राज्य में 10 बांधों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है और यहां कक्की बांध के दो द्वार भी खोल दिए गए हैं। सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर की तीर्थयात्रा भी फिलहाल रोक दी गई है।

पतनमतिट्टा जिला कलेक्ट्रेट में स्थिति का जायजा लेने के लिए हुई समीक्षा बैठक के बाद राजन और राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 100 से 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड पानी छोड़ने के लिए कक्की बांध खोलने का निर्णय किया गया है, जिससे पम्पा नदी में करीब 15 सेंटीमीटर तक जलस्तर बढ़ सकता है।

उन्होंने बताया कि बांध में पानी कर स्तर खतरे के निशान से ऊपर होने और 20 अक्टूबर से भारी बारिश के अनुमान के कारण यह निर्णय किया गया। पानी अभी नहीं छोड़ा गया, तो स्थिति आगे और खराब हो सकती थी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 20 से 24 अक्टूबर तक मौसम के और खराब होने का अनुमान जताने के मद्देनजर उन्होंने कहा कि सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में थुला मासम पूजा के लिए तीर्थयात्रा को अनुमति देना संभव नहीं होगा। इसके लिए मंदिर 16 अक्टूबर से खोला गया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल तीर्थयात्रा को रोकने के अलावा ‘‘कोई और विकल्प नहीं है’’ अन्यथा 20 अक्टूबर से होने वाली भारी बारिश के कारण पास की पम्पा नदी में जल स्तर और बढ़ गया, तो सभी को यहां से सुरक्षित निकालना मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर स्थिति सामान्य करने के लिए कक्की बांध के दो द्वार खोले गए हैं और बारिश भी धीमी हो गई है। पम्पा नदी के तट पर बसे लोगों को जिले में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

राजन ने बताया कि जिले में 83 शिविर हैं, जहां 2000 से अधिक लोग मौजूद हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल को वहां तैनात किया गया है और जरूरत पड़ने पर राहत कार्यों में सहायता के लिए हवाई मार्ग से लोगों को निकालने वाले दल को भी तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है और सोशल मीडिया पर भी ऐसे संदेश ना प्रसारित करें, जिससे तनाव उत्पन्न हो।

जॉर्ज ने कहा कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और ऐसे क्षेत्रों से दूर रहना अच्छा होगा, जहां बाढ़ या भूस्खलन का खतरा है।

राजन ने कहा कि कक्की, शोलेयार, मटुपट्टी, मूझियार, कुंडला, पीची सहित 10 बांधों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। इनमें से अधिकतर बांध पतनमतिट्टा, इडुक्की और त्रिशूर जिले के अंतर्गत आते हैं। इनके अलावा आठ बांध के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी किया गया है।

इससे पहले, केरल सरकार ने भारी बारिश की वजह से कई बांधों में जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर सोमवार को एक ‘अलर्ट’ जारी किया था कि कुछ बांधों के द्वार खोले जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण तथा मध्य केरल में नदियों में जल स्तर बढ़ सकता है।

इडुक्की जलाशय में जल स्तर सोमवार को 2,396.96 फुट तक बढ़ गया और ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि इडुक्की बांध की पूर्ण क्षमता 2,403 फुट है।

शोलेयार, पम्बा, कक्की और इडामलयार सहित विभिन्न बांधों में जल स्तर बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई ।

अचनकोविल नदी के किनारे पन्दलम के पास चेरिकल, पूझिकाडु, मुदियूरकोणम और कुरमबाला क्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ आई है। अचनकोविल में जल स्तर बढ़ रहा है और आरणमुला, किदंगन्नूर तथा ओमल्लूर के तटीय इलाकों में भी ‘अलर्ट’ जारी किया गया है। लोगों को पतनमतिट्टा जिले में बने विभिन्न राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

इस बीच, राज्य सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों में समन्वय के लिए एडीजीपी विजय सखारे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

त्रिशूर की जिला कलेक्टर हरिथा वी कुमार ने चालक्कुडी नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि शोलेयार बांध के द्वारों को खोला जा सकता है, जिससे नदी का जल स्तर बढ़ सकता है।

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