Anand Mohan Singh: सुबह साढ़े 4 बजे जेल से रिहा पूर्व सांसद आनंद मोहन, जानें पत्नी लवली आनंद ने क्या कहा, देखें वीडियो
By एस पी सिन्हा | Updated: April 27, 2023 16:36 IST2023-04-27T16:15:38+5:302023-04-27T16:36:41+5:30
Anand Mohan Singh: बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था, जिससे आनंद मोहन समेत 27 अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ।

गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को बृहस्पतिवार सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई ‘जेल सजा क्षमादान आदेश’ के तहत हुई है।
पटनाः बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए। उनकी रिहाई का एक तरफ विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ उनके समर्थकों में खुशी है। बाहुबली नेता को आज सुबह साढ़े 4 बजे जेल से रिहा किया गया।
इनकी रिहाई के बाद अब यह सवाल उठना शुरू हो गया कि जब नियमों के अनुसार किसी भी कैदी को सुबह सूर्योदय के उपरांत रिहा किया जाता है तो फिर आनंद मोहन को कैसे रिहा कर दिया गया? वहीं, दूसरी तरफ आनंद मोहन के जेल से रिहा होने के साथ ही पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिया गया है।
#WATCH | Bihar: We want to meet his (Gopalganj District Magistrate G Krishnaiah) family, if allowed, we can do it today itself: Anand Mohan Singh's son Chetan Anand after his father, who was serving a life sentence in 1994 murder of then Gopalganj DM was released from jail pic.twitter.com/JrLMZ1zD0P
— ANI (@ANI) April 27, 2023
यह जनहित याचिका जेल नियमों में बदलाव के खिलाफ दायर किया गया है। इस जनहित याचिका में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली 2012 के नियम और 481(i) (क) में संशोधन का ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या वाक्य को हटा दिया गया।
Bihar government has amended the law & it should be welcomed: Lovely Anand, wife of former Bihar MP and murder convict Anand Mohan Singh on his release from Saharsa jail today pic.twitter.com/thCIykgvid
— ANI (@ANI) April 27, 2023
इस लोकहित याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर किया है। याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है।
उधर, आनंद मोहन की रिहाई के मौके पर उनकी पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 साल मुश्किल से काटा है। उनकी रिहाई हमारे लिए और समर्थकों के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि आईएएस जी. कृष्णैया जी की हत्या होने के बाद दो परिवारों ने सबसे ज्यादा दुख झेला। आनंद मोहन निर्दोष होते हुए जेल चले गए।
उधर, उमा कृष्णैया का सुहाग उजड़ गया। जी. कृष्णैया जी ईमानदार अफसर थे। इसका हमें भी बहुत दुख है। हमारे सामने ये घटना होती तो आनंद मोहन और हम जरूर जान पर खेलकर जी कृष्णैया की रक्षा करने की कोशिश करते हैं। लवली आनंद ने कहा कि हमलोग स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं। हमने हमेशा कानून का पालन किया है।
#WATCH | Former Bihar MP and murder convict Anand Mohan Singh reaches Saharsa jail to surrender himself after 15 days of parole.
— ANI (@ANI) April 26, 2023
Bihar govt recently amended the prison rules allowing the release of 27 convicts including him pic.twitter.com/rgzql26y7a
इसलिए कोर्ट के फैसले के बाद आनंद मोहन जेल चले गए। उन्होंने कहा कि 15 साल का वक्त कम नहीं होता है। हमारे बच्चों और समर्थकों ने जगकर एक-एक दिन किया है। हमने होली दिवाली कुछ भी मना नहीं। जैसे भगवान राम 14 साल बाद वनवास से घर लौटेंगे, तब खुशहाली मनेगी। अब उनकी रिहाई हमारे लिए खुशी की बात है।
इधर, जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि आनंद मोहन को जेल से रिहा करने का फैसला गलत है। जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी।
#WATCH | "I appeal to the President and the PM to intervene in this matter and ask CM Nitish Kumar to send him (Anand Mohan) back to jail...," says Uma Devi, wife of the then Gopalganj DM (Bihar), G Krishnaiah who was murdered by gangster-turned-politician Anand Mohan Singh in… pic.twitter.com/4KtZ8WGEEt
— ANI (@ANI) April 27, 2023
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। वहीं, दिवगंत आईएएस की बेटी पद्मा ने कहा कि नीतीश सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने गलत मिसाल कायम की है। आनंद मोहन को रिहा करने से हमें बहुत दुख हुआ है