Gangotri Yamunotri Dham Yatra: तीन दिन में गंगोत्री, यमुनोत्री में पांच श्रद्धालुओं सहित छह की मौत, यूपी, राजस्थान और एमपी से संबंध, जानें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 5, 2022 06:28 PM2022-05-05T18:28:09+5:302022-05-05T18:29:22+5:30
Gangotri Yamunotri Dham Yatra: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर निवासी अनिरुद्ध प्रसाद जायसवाल (65), राजस्थान के डूंगरपुर के कैलाश चौबीसा (63) और मध्य प्रदेश के जबलपुर की शकुन परिहार (63) के रूप में हुई है।
Gangotri Yamunotri Dham Yatra: गंगोत्री धाम में बृहस्पतिवार को व्हील चेयर चलाने वाले नेपाली मूल के एक मजदूर की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी। चारधाम यात्रा शुरू होने के तीन दिनों में अब तक यात्रा मार्ग पर पांच श्रद्धालुओं समेत छह व्यक्तियों की ह्रदयाघात से मृत्यु हो चुकी है।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेंद्र सिंह पटवाल ने यहां बताया कि नेपाल के रहने वाले 45 वर्षीय लाल बहादुर की सुबह करीब सवा सात बजे ह्रदयाघात से मृत्यु हो गयी। उन्होंने बताया कि बहादुर यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए व्हील चेयर चलाता था।
पटवाल ने बताया कि इससे पहले, यमुनोत्री धाम जाते हुए पांच बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी थी। पटवाल ने बताया कि पांचों श्रद्धालुओं की मृत्यु जानकीचट्टी से यमुनोत्री मंदिर के बीच पैदल रास्ते में हुई है।
उन्होंने बताया कि बुधवार देर शाम यमुनोत्री के दर्शन कर लौट रहे उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के जयालपुर के रहने वाले 72 वर्षीय रामयज्ञ तिवारी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी थी। उन्होंने बताया कि बुधवार देर शाम हुई एक अन्य घटना में मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली 62 वर्षीया सुनीता खडीकर को दिल का दौरा पड़़ा था।
उन्हें तुरंत बडकोट सामुदायिक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गयी। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले, एक महिला सहित तीन श्रद्धालुओं की मृत्यु कपाट खुलने वाले दिन मंगलवार को हुई थी जिनकी पहचान उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर निवासी अनिरुद्ध प्रसाद जायसवाल (65), राजस्थान के डूंगरपुर के कैलाश चौबीसा (63) और मध्य प्रदेश के जबलपुर की शकुन परिहार (63) के रूप में हुई है।
साढे दस हजार फीट से ज्यादा उंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अक्षय तृतीया पर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। यमुना नदी के बाएं किनारे पर स्थित यमुनोत्री मंदिर तक पहुंचने के लिए छह किलोमीटर की चढ़ाई वाला पैदल रास्ता तय करना पड़ता है।