'गंगा, तिरंगा, गऊ, गरीब, नारी और श्रीराम के लिए जान हाजिर', बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में CBI कोर्ट में बोलीं उमा भारती
By स्वाति सिंह | Published: July 2, 2020 04:39 PM2020-07-02T16:39:01+5:302020-07-02T16:50:29+5:30
उमा भारती गुरुवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ के विशेष अदालत में पेश हुईं। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय कानून को वेद की तरह मानती हूं और अदालत को मंदिर।
लखनऊ: बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारतीअयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में बृहस्पतिवार को यहां विशेष सीबीआई अदालत में पेश हुईं। कोर्ट में उमा भारती ने बयान दर्ज कराने के बाद विध्वंस मामले में किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी करने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय कानून को वेद की तरह मानती हूं और अदालत को मंदिर।
उन्होंने विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस. के. यादव की अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा कि 1992 में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना से उनपर बाबरी विध्वंस का आरोप मढ़ा था। वह बिल्कुल निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने बाबरी विध्वंस मामले में अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए उनके तथा अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सभी को राजनीतिक दबाव में गलत तरीके से फंसाया गया। उमा भारती ने इस मामले में सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों पर कहा कि यह सब राजनीतिक दुश्मनी की वजह से किया गया है। हालांकि अदालत के बाहर आकर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर अभियान से जुड़कर वह खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो राम भक्त हूं और राम भक्ति के भाव की वजह से मैंने इस पूर्ण अभियान में भाग लिया। इसके लिए मैं हमेशा खुद को गौरवशाली मानती हूं।’’ उमा भारती ने कहा कि जहां पर हमारी बात है तो हम तो राम भक्त हैं। हम तो गंगा, तिरंगा, गऊ, गरीब, नारी व श्रीराम के लिए अपनी जान भी देने को तैयार हैं। अब तो बस यही हमारा ध्येय है।
CBI अदालत बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अभियुक्त 32 के बयान कर रही है दर्ज
भारती ने अदालत में दिए गए बयान पर संवाददाताओं को कुछ भी बताने से इनकार करते हुए कहा, "मैं भारत के कानून को वेदों की तरह मानती हूं। अदालत एक मंदिर है और उसमें बैठे हुए न्यायाधीश को मैं भगवान की तरह मानती हूं। उनके सामने मैंने जो बातें कहीं हैं, उनपर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकती क्योंकि सारी बातों पर फैसले आने बाकी हैं। मैंने अदालत में जो भी कहा, उसके बारे में मैं आपको कुछ नहीं बताऊंगी।"
इस मामले में अदालत में बयान दर्ज कराने वाली वह 19वीं अभियुक्त हैं। इस प्रकरण में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का बयान दर्ज होना अभी बाकी है। उनके वकीलों ने अदालत को बताया है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराना चाहते हैं।
बता दें कि विशेष सीबीआई अदालत 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में अभियुक्त 32 लोगों के बयान दर्ज कर रही है। उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विशेष अदालत इस मामले की सुनवाई 31 अगस्त तक पूरी करने के लिए रोजाना काम कर रही है।
सिंधिया की एंट्री पर उमा भारती ने जताई नाराजगी
मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती शिवराज कैबिनेट के विस्तार से नाराजगी जताई हैं। उन्होंने कहा है कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। भारती ने इस बाबत पार्टी नेतृत्व को पत्र भी लिखा है। उन्होंने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में अपनी नाराजगी का इजहार किया।
उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। कैबिनेट में मंत्री रह चुकी हैं। उनका कहना है कि आज मध्य प्रदेश में हुए मंत्रिमंडल विस्तार से जातीय संतुलन गड़बड़ हो गया है। ये बयान देने के बाद उमा भारती अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में विशेष सीबीआई अदालत में पेश होने चली गईं।