नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित सौर मिशन, आदित्य-एल1, सितंबर में लॉन्च के लिए "तैयार" हो रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि गगनयान कार्यक्रम, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, प्रगति पर है, और भारत का पहला मानवयुक्त मिशन संभवतः 2025 तक होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इसरो चालक दल मॉड्यूल की कार्यप्रणाली और चालक दल की भागने की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में गगनयान कार्यक्रम का पहला चरण आयोजित करने की संभावना है। इसके बाद कई परीक्षण मिशन चलाए जाएंगे और अंततः गगनयान कार्यक्रम का तीसरा चरण संचालित किया जा सकेगा।
इसरो प्रमुख ने आदित्य-एल1 मिशन के बारे में भी बात की और कहा कि यह सूर्य के लिए एक मिशन है, और सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है। इस दौरान इसरो अध्यक्ष ने उन कारणों के बारे में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान -3 की लैंडिंग साइट के रूप में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को क्यों चुना।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का एक विशिष्ट लाभ है क्योंकि यह सूर्य से कम प्रकाशित होता है और उस क्षेत्र में अधिक वैज्ञानिक सामग्री होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में जबरदस्त रुचि दिखाई है क्योंकि अंततः, अंतरिक्ष यात्रा सभी का लक्ष्य है।