युवा वोटरों को लुभाने के लिये बांटे गए स्मार्ट वॉच और मोबाइल, गांवों में साड़ी और गहनों पर जोर

By भाषा | Published: May 12, 2019 05:02 PM2019-05-12T17:02:51+5:302019-05-12T17:02:51+5:30

आयोग, जब्त की गयी इन वस्तुओं को शराब, नकदी, कीमती धातुओं और नशीले पदार्थों से इतर अन्य लुभावनी वस्तुओं की श्रेणी में सूचीबद्ध करता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित अन्य सामग्री की कीमत 56 करोड़ रुपये आंकी गयी है।

Gadgets distributed to youth voters and emphasis jewelery and sarees in villages area | युवा वोटरों को लुभाने के लिये बांटे गए स्मार्ट वॉच और मोबाइल, गांवों में साड़ी और गहनों पर जोर

जब्त की गयी नकदी, शराब और नशीले पदार्थेां की मात्रा में भी 2014 की तुलना में तीन गुना तक इजाफा हुआ है।

Highlights अवैध तरीके से वितरित होने वाली सामग्री, पिछले चुनाव की तुलना में आश्चर्यजनक रूप से लगभग तीन गुना है।अब तक जब्त सामग्री की कीमत 3400 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है। पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपये था।अब तक पूरे देश में 6,164 किग्रा, सोना चांदी पकड़ा जा चुका है। इसकी बाजार में कीमत 982 करोड़ रुपये आंकी गयी है।मतदाताओं के अनुरोध पर अपने खर्च से नाली, खड़ंजा आदि का काम कराने की भी शिकायतें मिली हैं।

चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिये उम्मीदवार नशा, नकदी और शराब के अलावा जिन अन्य वस्तुओं का गैरकानूनी वितरण करवा रहे हैं, उनमें जगह और जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मतदाताओं को अवैध तरीके से वितरित की जाने वाली सामग्री की धरपकड़ के लिये चुनाव आयोग ने देशव्यापी अभियान चलाया है। इसके तहत जब्त की जा रही सामग्री के विश्लेषण में यह बात सामने आयी है।

इसमें पता चला है कि उम्मीदवार, बड़े शहरों में युवाओं को लुभाने के लिये मोबाइल फोन और घड़ी (स्मार्ट वॉच) जैसे गैजेट्स पर जोर दे रहे हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को लुभाने के लिये चांदी की पायल एवं अन्य प्रचलित जेवरात हावी हैं। आयोग की इस मुहिम में कुछ चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं।

चुनाव के लिए अब तक हो चुके मतदान के पांच चरण में, अवैध तरीके से वितरित होने वाली सामग्री, पिछले चुनाव की तुलना में आश्चर्यजनक रूप से लगभग तीन गुना है। साथ ही जब्त की गयी नकदी, शराब और नशीले पदार्थेां की मात्रा में भी 2014 की तुलना में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। अब तक जब्त सामग्री की कीमत 3400 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है। पिछले लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1200 करोड़ रुपये था। उल्लेखनीय है कि अभी दो चरण का चुनाव शेष है।

जब्ती अभियान से जुड़े, आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खासकर स्मार्ट फोन, भारी संख्या में जब्त हुए हैं। वहीं छोटे शहरों और कस्बों में घड़ी, वाईफाई इंटरनेट डिवाइस और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले हैंड ग्रांइंडर, मिक्सर और जूसर जैसे उपकरण भी शामिल हैं।

आयोग, जब्त की गयी इन वस्तुओं को शराब, नकदी, कीमती धातुओं और नशीले पदार्थों से इतर अन्य लुभावनी वस्तुओं की श्रेणी में सूचीबद्ध करता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित अन्य सामग्री की कीमत 56 करोड़ रुपये आंकी गयी है। इसमें आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक 22 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 10 करोड़ रुपये और तमिलनाडु एवं राजस्थान में लगभग आठ आठ करोड़ रुपये की सामग्री जब्त हो चुकी है।

इसके अलावा उम्मीदवार, ग्रामीण तथा झुग्गी झोपड़ी इलाकों में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिये साड़ी और चांदी के जेवरात पर जोर दे रहे हैं। इन इलाकों से जब्त की गई सामग्री में चांदी की पायल, बिछिया, गोल्ड पॉलिश वाली चांदी की चूड़ियां एवं अंगूठी शामिल हैं। जब्ती के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे देश में 6,164 किग्रा, सोना चांदी पकड़ा जा चुका है। इसकी बाजार में कीमत 982 करोड़ रुपये आंकी गयी है। अंतिम चरण का मतदान होने तक यह आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

देश भर में कीमती धातुओं की कुल जब्ती का लगभग आधा (3,037 किग्रा) सोना चांदी अकेले तमिलनाडु से पकड़ा गया। राज्य में सोने के आभूषणों के वितरण पर जोर है। वहीं, मध्य प्रदेश में अब तक 1,704 किग्रा सोना चांदी पकड़ा गया है। इसमें अधिकांश मात्रा चांदी की है। मध्य प्रदेश निर्वाचन कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में चांदी के आभूषणों की बड़े पैमाने पर धरपकड़ हुयी है। हालांकि उन्होंने माना कि राज्य में अब तक मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जब्ती नगण्य है। इसकी जगह साड़ी, कम्बल, चादर एवं अन्य कपड़े वितरण के लिए जमकर इस्तेमाल हो रहे हैं।

जेवरात के मामले में 731 किग्रा आभूषणों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे और 467 किग्रा जब्ती के साथ पंजाब चौथे पायदान पर है। दिल्ली में भी अब तक लगभग दस करोड़ रुपये के आभूषण पकड़े जा चुके हैं। इसमें अधिकतर जब्ती झुग्गी बस्तियों और कच्ची कालोनी इलाकों से हुयी है। मतदाताओं को लुभाने के लिये अजब गजब तरीके ईजाद करने में भी महानगरों के उम्मीदवार आगे हैं।

आयोग को पहली बार उम्मीदवारों द्वारा विभिन्न इलाकों में मतदाताओं के अनुरोध पर अपने खर्च से नाली, खड़ंजा आदि का काम कराने की भी शिकायतें मिली हैं। इनमें से कुछ शिकायतें दिल्ली की कच्ची कालोनी और झुग्गी झोपड़ी इलाकों से मिली हैं। लोकसभा चुनाव के लिये देश में 10 मार्च को आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक 282 करोड़ रुपये कीमत की 173 लाख लीटर शराब, 1,258 करोड़ रुपये कीमत के 69,194 किग्रा नशीले पदार्थ के अलावा 822 करोड़ रुपये नकद जब्त किए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 2014 में 299 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गयी थी।

एक अधिकारी ने नियमों के हवाले से बताया कि पकड़ी गई शराब और मादक पदार्थ को नष्ट कर दिया जाता है। जबकि जब्त की गयी नकदी और कीमती धातुओं के स्वामित्व को साबित करने वाले अगर कोई दावेदार सामने आते हैं तो उन्हें वह सामग्री वापस कर दी जाती है और शेष सामग्री सरकारी खजाने में जमा करा दी जाती है। 

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