गढ़चिरौलीः मिलिंद तेलतुंबड़े का खात्मा, पुलिस की बड़ी सफलता, भीमा कोरेगांव में जुड़ चुका है नाम
By फहीम ख़ान | Published: November 13, 2021 09:31 PM2021-11-13T21:31:22+5:302021-11-13T21:33:02+5:30
महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ जोन सचिव मिलिंद तेलतुंबड़े को गढ़चिरौली पुलिस ने आखिरकार शनिवार को हुई ग्यारापत्ति की मुठभेड़ में मार गिराया है.
नागपुरः लंबे समय से गढ़चिरौली जिले की कोरची तहसील के जंगल में सक्रिय माओवादी भाकपा-माओवादी का महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ जोन सचिव मिलिंद तेलतुंबड़े को गढ़चिरौली पुलिस ने आखिरकार शनिवार को हुई ग्यारापत्ति की मुठभेड़ में मार गिराया है.
उल्लेखनीय है कि मिलिंद तेलतुंबड़े वही शख्स है जो भीमा कोरेगांव मामले में प्रमुख अभियुक्त भी था. गढ़चिरौली पुलिस ने अब तक के अपने इतिहास में एक ही मुठभेड़ की वारदातों में अपने दर्जनों जवानों को एकसाथ खो दिया है. लेकिन यह पहला ऐसा मामला है जब पुलिस ने एकसाथ मिलिंद तेलतुंबड़े जैसे नक्सली नेता सहित 26 नक्सलियों का खात्मा कर दिया.
यही कारण भी है कि गढ़चिरोली जिले में काम कर चुके ज्यादातर पूर्व आईपीएस अधिकारी इस ऑपरेशन की सफलता के लिए गढ़चिरौली पुलिस के जवानों का अभिनंदन भी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि दंडकारण्य में सक्रिय नक्सलियों पर लगाम कसने के मामले में अब तक गढ़चिरौली पुलिस की रणनीति बेहद कारगर साबित हुई है.
इसी बीच भामरागढ़ तहसील में एकसाथ दर्जनों नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था. तभी से यह माना जाने लगा था कि गढ़चिरौली में अब नक्सलवाद अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है. हालांकि मिलिंद तेलतुंबड़े जैसे कुछ नक्सली नेता अब भी अपनी सक्रियता से बाज नहीं आ रहे थे. यही कारण रहा कि इस बार गढ़चिरौली पुलिस ने मिलिंद को टारगेट करते हुए अपनी रणनीति बनाई और उसे इसमें सफलता भी हाथ लगी है.
कौन है मिलिंद तेलतुंबड़े?
भीमा-कोरेगांव मामले में मिलिंद तेलतुंबड़े का नाम पहली बार सभी ने सुना था. हालांकि इससे पहले से ही वह गढ़चिरोली जिले में सक्रिय था. उसने प्रतिबंधित संगठन कबीर कला मंच के तीन कार्यकर्ताओं के लिए गढ़चिरोली के कोरची के वन क्षेत्र में हथियारों के प्रशिक्षण का आयोजन किया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के आरोप पत्र में भी यह जिक्र किया जा चुका है. मिलिंद तेलतुंबड़े के निर्देशाें पर ही शहरी इलाकों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)-माओवादी की गतिविधियां बढ़ाई जा रही थीं. 2011 में मिलिंद तेलतुंबड़े की पत्नी एंजेला सोनटक्के की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. मिलिंद प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े का भाई है.