जी-20 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री अफगान संकट पर संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने का कर सकते हैं आह्वान

By भाषा | Published: October 24, 2021 05:23 PM2021-10-24T17:23:14+5:302021-10-24T17:23:14+5:30

G20 summit: PM may call for joint approach on Afghan crisis | जी-20 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री अफगान संकट पर संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने का कर सकते हैं आह्वान

जी-20 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री अफगान संकट पर संयुक्त दृष्टिकोण अपनाने का कर सकते हैं आह्वान

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में 30 अक्टूबर से आरंभ होने वाले दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति व जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और कोरोना वायरस महामारी को लेकर संयुक्त वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने पर बल दे सकते हैं। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने रविवार को यह जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री 29 अक्टूबर से दो नवंबर के बीच रोम और ग्लासगो की यात्रा करेंगे, जहां वह क्रमश: 16वें जी-20 सम्मेलन और सीओपी-26 (पक्षकारों के सम्मेलन-26) वैश्विक नेताओें के सम्मेलन में शामिल होंगे।

मंत्रालय के मुताबिक मोदी रोम में 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले 16वें जी-20 सम्मेलन में इतालवी प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के आमंत्रण पर शरीक होंगे। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दिसंबर से ही जी-20 की अध्यक्षता इटली के पास है।

जी-20 दुनिया का प्रमुख मंच है, जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाता है। इसके सदस्यों का विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 80 प्रतिशत, वैश्विक कारोबार में 75 प्रतिशत और पृथ्वी की आबादी में 60 प्रतिशत योगदान है।

इस मंच की बैठक वर्ष 1999 से ही हर साल हो रही है और वर्ष 2008 से सालाना शिखर सम्मेलल का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष हिस्सा लेते हैं।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि पहली बार भारत वर्ष 2023 में जी-20 का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।

रोम में होने जा रहे शिखर सम्मेलन में जी-20 के सदस्यों देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष, यूरोपीय संघ, आमंत्रित देश और कई अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा लेंगे।

जी-20 नेताओं के अहम मुद्दों जैसे कोरोना वायरस महामारी से उबरना, जलवायु परिवर्तन, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से गरीबी और समानता को दूर करने को लेकर चर्चा की उम्मीद है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि इस सम्मेलन में अफगानिस्तान का मुद्दा प्रमुख रहने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत का नजरिया पेश करेंगे और अफगानिस्तान, महामारी से निपटने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए एकजुटता के रुख का आह्वान करेंगे।

यह आठवां जी-20 सम्मेलन है जिसमें मोदी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने यहां जारी बयान में कहा कि सम्मेलन में आर्थिक क्षेत्र में उबरने और विकास करने, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा के अवस्थांतर, स्थायी विकास और खाद्य सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री विभिन्न नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री रोम से ग्लासगो यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कंवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के तहत वैश्विक नेताओं के सम्मेलन सीओपी-26 में शामिल होने जाएंगे। वह इस सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के न्योते पर शामिल होंगे।

सीओपी-26 की बैठक 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक ब्रिटेन की अध्यक्षता में होगी और इटली इस सम्मेलन में साझेदार है।

मंत्रालय ने बताया कि सीओपी-26 का आयोजन एक और दो नवंबर को होगा।। इसमें 120 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष शामिल होंगे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2015 में पेरिस में आयोजित सीओपी-21 में हिस्सा लिया था, जब पेरिस समझौता हुआ था, जिसका अनुपालन इस साल से शुरू हो रहा है।

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Web Title: G20 summit: PM may call for joint approach on Afghan crisis

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