भविष्य में रक्षा आवश्यकताओं, नयी प्रणालियों का मूल्यांकन ऊर्जा दक्षता के आधार पर : सेना उपप्रमुख
By भाषा | Published: April 23, 2021 10:08 PM2021-04-23T22:08:23+5:302021-04-23T22:08:23+5:30
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सी. पी. मोहंती ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा प्रणाली और फील्ड फॉरमेशन में ऊर्जा दक्षता, मोर्चे पर तैनात सैनिकों की सहायता करने के लिए आवश्यक सिपाहियों की संख्या में कमी ला सकती है।
थिंक टैंक सीईएनजेओडब्ल्यूएस द्वारा आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि भारतीय सेना में भविष्य में शामिल की जाने वाली सभी प्रणालियों और सैनिकों की जरुरतों का मूल्यांकन ऊर्जा दक्षता के आधार पर किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सेना को नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग, पुराने परिवहन काफिलों को हटा कर, अपने ताप और बिजली आधारित सैन्य तकनीकों को आधुनिक बनाकर और सुदूर इलाकों में ऊर्जा के वायरलेस ट्रांसमिशन को बढ़ावा देकर ऊर्जा दक्षता के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सी. पी. मोहंती ने कहा कि ऊर्जा दक्षता बल की क्षमता को कई गुना बढ़ाने का काम कर सकती है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता से हमारे संसाधनों की भी बचत होगी और लंबे समय में संसाधनों की बचत, खर्च में कमी होने पर आधुनिकीकरण और क्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त धन होगा।
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