मेजर अविनाश के नक्शेकदम पर चलीं हैं शालिनी, जानें पति के शहीद होने से लेकर ब्यूटी प्रतियोगिता तक का सफर

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 27, 2018 04:12 PM2018-05-27T16:12:51+5:302018-05-27T16:12:51+5:30

चार आतंकियों को मारकर शहीद हुए मेजर अविनाश सिंह भदौरिया के नक्शेकदम पर जैसे उनकी पत्नी चलीं, वैसा ही जज्बा उनके बेटे में भी है।

From Martyr’s Wife to Army Captain to Mrs India: Meet the Incredible Shalini Singh! | मेजर अविनाश के नक्शेकदम पर चलीं हैं शालिनी, जानें पति के शहीद होने से लेकर ब्यूटी प्रतियोगिता तक का सफर

मेजर अविनाश के नक्शेकदम पर चलीं हैं शालिनी, जानें पति के शहीद होने से लेकर ब्यूटी प्रतियोगिता तक का सफर

नई दिल्ली, 27 मई: चार आतंकियों को मारकर शहीद हुए मेजर अविनाश सिंह भदौरिया के नक्शेकदम पर जैसे उनकी पत्नी चलीं, वैसा ही जज्बा उनके बेटे में भी है। पिता जब शहीद हुए तब वह सिर्फ दो साल का था लेकिन सेना में जाने का जज्बा शायद उसके खून में ही है।  जब शालिनी 19 साल की तब उन्होंने अविनाश का दामन थामा था। शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारियों ने उनको आगे की पढ़ाई नहीं करने दी। दो साल बाद जोड़े को एक बच्चे के साथ आशीर्वाद मिला।

 एक समय ऐसा भी था जब सैनिकों से फोन पर बात करने के लिए लंबी लाइनें लगा करती थीं।वहीं, शालिनी अपनी जिंदगी की हर एक जिम्मेदारी जब निभाने में व्यस्त थीं, तब एक फोन कॉल ने उनकी लाइफ को बदल कर रख दिया था। कहा जाता है कि 28 सितंबर 2001 एक फोन कॉल के जरिए मेजर अविनाश के परिवार को इस बात की सूचना दी गई कि वह आंकती हमले में घायल हो गए हैं। 

दरअसल 8 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के साथ तैनात मेजर अविनाश ने अकेले चार आतंकवादियों की हत्या कर दी थी। नियत को कुछ और मंजूर था और मेजर देश के लिए शहीद हो गए। जिस समय ये हुआ तब शालिनी महज 23 साल की थीं और 2 साल के बच्चे की मां थीं। उस दिन के बारे में शालिनी कहती हैं कि जब उनको ये खबर मिली थीं मैं पूरी तरह से सुन्न हो गई थी। मैंने उसके बाद भी अपने जीवन में आशा नहीं खोई और रोशनी को तलाश करती रही। 

इसके बाद शालिनी सिंह ने, जिसने पति की शहादत के साल भर के भीतर ही फौजी वर्दी पहन ली थी और अपने पति के सपने को पूरा करने में लगी हुई हैं। शालिनी का बेटा धुव्र नाना नानी के साथ रहता है। इस पर शालिनी ने बताया था कि जब उन्होंने अपने बेटे को समझाया था कि उसको क्यों नाना नानी के साथ रहना है तब उसने मुझे गुड बाए कहते समय खुशी के साथ भेजा था।

 जिसके बाद मार्च 2002 में, शालिनी ने चेन्नई के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में छह महीने के लिए सावधानी से प्रशिक्षित किया। इतना ही नहीं ट्रेनिंग के दौरान शालिनी को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था।कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से नवाजे गए मेजर अविनाश का बेटा ध्रुव राज सिंह भदौरिया भी अब नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी में है।  मेजर अविनाश की पहली मौत की सालगिरह से सिर्फ तीन सप्ताह पहले, 7 सितंबर 2002 को उनका समर्पण का भुगतान किया गया था और वह सेना की आधिकारी नियुक्त की गईं। शालिनी को 2017 के लिए 'क्लासिक श्रीमती इंडिया - सबस्टेंस की रानी' का ताज पहनाया गया, वह स्टील की महिला के लिए एक शीर्षक पर हुईं ।ब्यूटी कांटेस्ट को जीत कर एक बार फिर से उन्होंने अपने शहीद पति का नाम रोशन किया।

Web Title: From Martyr’s Wife to Army Captain to Mrs India: Meet the Incredible Shalini Singh!

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