भारत-फ्रांस में 14 अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, दोनों देश समृद्ध विरासतों के उत्तराधिकारी
By खबरीलाल जनार्दन | Published: March 10, 2018 02:18 PM2018-03-10T14:18:36+5:302018-03-10T14:34:55+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'रक्षा क्षेत्र में भारत के फ्रांस से संबंध गहन है। फ्रांस, भारत का सबसे विश्वस्त रक्षा सहयोगी है। दोनों देशोंक की सेनाओं के बीच युद्ध अभ्यासों का नियमित आयोजन होता है। रक्षा उपकरणों में फ्रांस हमें सहयोग देता है।
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भारत-फ्रांस में 14 अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, दोनों देश समृद्ध विरासतों के उत्तराधिकारी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की चार दिवसीय भारत यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को दोनों देशों में 14 बेहद अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें रक्षा, सुरक्षा, हाई-टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष, परमाणु, रेलवे, मेट्रो सिटी जैसे समझौते शामिल हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'रक्षा क्षेत्र में भारत के फ्रांस से संबंध गहन है। फ्रांस, भारत का सबसे विश्वस्त रक्षा सहयोगी है। दोनों देशोंक की सेनाओं के बीच युद्ध अभ्यासों का नियमित आयोजन होता है। रक्षा उपकरणों में फ्रांस हमें सहयोग देता है।
इनमें फ्रांस विशेष रूप से दक्षिण एशिया में आतंकवाद से निपटने के लिए भारत का साथ देने पर सहमति जताई। साथ ही समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोकने के उपाय व अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी समझौते हुए।
पीएम मोदी के अनुसार, भारत और फ्रांस की स्वतंत्र विदेश नीतियां सिर्फ अपने या अपने देश के हितों पर नहीं, बल्कि सार्वभौमिक मानवता पर आधारित है। हम सिर्फ दो लोकतंत्र के नेता नहीं हैं। हम दुनिया की उम्मीद हैं। आज हुए समझौते शांतिमय विश्व के लिए सुनहरा संकेत हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने क्या कहा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को कहा कि फ्रांस, भारत का सबसे बेहतरीन साझेदार देश और यूरोप में भारत के प्रवेश का बिंदु होना चाहिए। मैक्रों ने कहा कि इस दौरे के उनके तीन उद्देश्य हैं। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपने औपचारिक स्वागत के बाद संवाददाताओं को बताया कि उनका पहला उद्देश्य रक्षा, अनुसंधान एवं विज्ञान, विशेष रूप से युवा, उच्च शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का नया युग शुरू करना है।
मैक्रों ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि क्योंकि आतंकवाद के संदर्भ में दोनों देशों के बीच कई सामान्य चुनौतियां और साझा जोखिम हैं।" उन्होंने कहा, "इस यात्रा का दूसरा उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (सम्मेलन) का आयोजन करना है।" उन्होंने कहा,, "तीसरा उद्देश्य यह संदेश देना है कि फ्रांस विशेष रूप से यूरोप में भारत का बेहतरीन साझेदार देश और यूरोप में प्रवेश का बिंदु होना चाहिए।"
इससे पहले मोदी और मैक्रों एक द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लिया, मोदी और मैक्रों शनिवार को आईएसए सम्मेलन की सह अध्यक्षता की। इसे मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रति फ्रांस्वा ओलांद ने 2015 में पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान शुरू किया था। मैक्रों भारत के चार दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी।
इससे अलावा और कहां-कहां जाएंगे फ्रांसीसी
शनिवार को दिल्ली में ही मैक्रों छात्रों के साथ एक खुली चर्चा में शामिल होंगे। इसमें करीब 300 छात्रों होंगे। आज ही वे 'ज्ञान सम्मेलन' में शामिल होंगे। इसमें दोनों ओर के 200 से अधिक शिक्षाविद मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति मैक्रों अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
मैक्रों वाराणसी और मिर्जापुर की यात्रा 12 मार्च करेंगे। मेट्रो सिटी जैसे मुद्दे पर समझौता होने के बाद पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट वाराणसी की यात्रा स्वाभाविक है। यात्रा के दौरान पीएम मोदी भी उनके साथ रहेंगे। साथ ही वे वाराणसी सटे जिले मिर्जापुर में एक सौर प्लांट का उद्घाटन भी करेंगे।
राफेल डील पर बात ना होना बना मुद्दा
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से राफेल डील पर किसी तरह की कोई चर्चा ना होना एक अहम मुद्दा बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष भी अपनी मुलाकात में इसका उल्लेख नहीं करेंगे। जबकि देश में फिलहाल यह ज्वलंत मुद्दों में से एक है। कांग्रेसी सांसद व प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार, 'कांग्रेस विदेशी राष्ट्राध्यक्ष से अंदरूनी मामले पर बात नहीं करेगी।
हालांकि उन्होंने आरोप लगाए, फ्रांस की कंपनी ने 11 महीने पहले कतर और मिस्र को जिस कीमत पर राफेल विमान बेचे, उसी विमान को भारत को प्रति विमान 351 करोड़ रुपए अधिक में बेचे। सरकार इसमें गोपीनीयता भंग होने का हवाला देकर पूरी बात बताने से इनकार कर रही है।