पटना में 2013 में मोदी की रैली में विस्फोट मामले में चार लोगों को मृत्युदंड
By भाषा | Updated: November 1, 2021 19:47 IST2021-11-01T19:47:22+5:302021-11-01T19:47:22+5:30

पटना में 2013 में मोदी की रैली में विस्फोट मामले में चार लोगों को मृत्युदंड
पटना, एक नवंबर एक विशेष एनआईए अदालत ने पटना में 2013 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में दोषी ठहराए गए नौ लोगों में से चार को सोमवार को मौत की सजा सुनाई। बम विस्फोट नरेंद्र मोदी की एक चुनावी रैली के स्थान पर हुए थे और उस घटना में छह लोग मारे गए थे।
मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मेहरोत्रा ने 27 अक्टूबर को नौ आरोपियों को दोषी ठहराया था। उन्होंने दो अन्य दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, वहीं, दो दोषियों को 10 साल के सश्रम कारावास और एक अन्य दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई।
एनआईए की ओर से दलीलें देने वाले विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिंह के मुताबिक हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम को मौत की सजा सुनायी गयी है।
सिंह ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "अदालत ने उन सिलसिलेवार विस्फोटों को गंभीरता से लिया, जिनका मकसद निर्दोष लोगों को भारी नुकसान पहुंचाना था।"
उन्होंने कहा कि उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी ने सुनवाई के दौरान अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी। अदालत ने उनके कबूलनामे पर गौर करते हुए उन्हें मौत की सजा नहीं दी बल्कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सिंह ने कहा कि शेष तीन दोषियों में अहमद हुसैन और मोहम्मद फिरोज असलम को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है, वहीं इफ्तिखार आलम को सात साल जेल की सजा सुनाई गई है।
एनआईए ने 27 अक्टूबर, 2013 को हुए विस्फोटों के सिलसिले में कुल 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। किसी आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन संदेह था कि इस घटना के पीछे प्रतिबंधित संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है।
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