सुप्रीम कोर्ट में यासीन मलिक को पेश करने के मामले में चार अधिकारी निलंबित, तिहाड़ जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 22, 2023 04:32 PM2023-07-22T16:32:06+5:302023-07-22T16:33:47+5:30

यासीन मलिक को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने के मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों ने दो सहायक अधीक्षकों, एक उपाधीक्षक और एक जेल वार्डन सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

Four officers suspended for presenting Yasin Malik in Supreme Court Tihar Jail administration took action | सुप्रीम कोर्ट में यासीन मलिक को पेश करने के मामले में चार अधिकारी निलंबित, तिहाड़ जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक (फाइल फोटो)

Highlightsयासीन मलिक मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई कीएक उपाधीक्षक और दो सहायक अधीक्षकों सहित चार अधिकारी निलंबितअदालत में मलिक की शारीरिक उपस्थिति से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली: आतंकी फंडिंग मामले के दोषी और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने के मामले में तिहाड़ जेल अधिकारियों ने दो सहायक अधीक्षकों, एक उपाधीक्षक और एक जेल वार्डन सहित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

आतंकवाद से संबंधित एक अन्य मामले में मलिक की शारीरिक उपस्थिति से न्यायाधीश हैरान रह गए थे क्योंकि उसे तिहाड़ से लाने के लिए कोई विशेष निर्देश नहीं था। मलिक इस समय तिहाड़ में बंद है और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल ने मलिक की व्यक्तिगत उपस्थिति को संबंधित जेल अधिकारियों की चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया था और मामले में जांच के आदेश दिए थे।

इस मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी और कहा कि यासीन को जेल से बाहर लाया जाना उच्च जोखिम वाला हो सकता था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखा और कहा कि ये गंभीर सुरक्षा चिंता का मामला है। यासीन मलिक को बिना किसी आधिकारिक आदेश के सुप्रीम कोर्ट लाया गया। मलिक भाग सकता था या मारा जा सकता था।

बता दें कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक उन कैदियों में से है जिसे जेल में भी बेहद कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है। मलिक को जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया था। मलिक को विशेष एनआईए अदालत ने पिछले साल मई में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मलिक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था।

हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए इस सजा से संतुष्ट नहीं है और यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की है। एनआईए अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दोषी को सज सुनाते हुए ट्रायल कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है उसका अपराध राष्ट्र द्रोष की श्रेणी में आता है। इसके अलावा दोषी के कृर्त्य रेयरेस्ट ऑफ द रेयरेस्ट में आते है।

Web Title: Four officers suspended for presenting Yasin Malik in Supreme Court Tihar Jail administration took action

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