माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बी.के. कुठियाला शुक्रवार को ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंचे हैं. वे अपना बयान दर्ज कराने ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुंचे थे. राजधानी की विशेष अदालत ने कुठियाला को फरार घोषित किया है, उन्हें 31 अगस्त तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था.
आर्थिक अनियमितता तथा अन्य गड़बड़ी के मामले में दर्ज आपराधिक मामले में चार माह तक ईओडब्ल्यू अधिकारियों को छकाने के बाद अंतत: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी.के. कुठियाला आज ईओडब्ल्यू पहुंचे. उनके साथ उनके वकील भी थे. कुठियाला की संपत्ति कुर्की के मामले में कल शनिवार को कोर्ट में सुनवाई होना है. इसके पहले उन्होंने आज ईओडब्ल्यू कोर्ट में आज अपना पक्ष रखा.
पूर्व में कुठियाला ने ई-मेल कर अधिकारियों से ईओडब्ल्यू में उपस्थित होने का समय मांगा था. ईओडब्ल्यू द्वारा 26 अगस्त को कुठियाला को पेश होने के लिए तारीख दी गई थी, लेकिन वे भोपाल कोर्ट में उपस्थित होकर वापस चले गए.
इस पर ईओडब्ल्यू ने फिर नोटिस जारी कर कहा था कि प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान देना अनिवार्य है. नोटिस के जवाब में कुठियाला ने फोन पर आज फिर उपस्थित होने का समय मांगा था. हालांकि अफसरों को लग रहा था कि पूर्व की भांति फिर कुठियाला का आना संभव नहीं है, लेकिन दोपहर में वे अपने अधिवक्ता के साथ ईओडब्ल्यू मुख्यालय में उपस्थित हुए.
कुठियाला ने सबसे पहले डीजी के.एन. तिवारी से मुलाकात की. इसके बाद एसपी अरुण मिश्रा के समक्ष विवेचक अधिकारी द्वारा उनके बयान लिए गए.
सूत्रों के अनुसार, मेडिकल बिलों का विश्वविद्यालय प्रशासन से भुगतान, सेवा समाप्ति के बाद मोबाइल फोन और लैपटाप जमा नहीं करने, घर पर विवि की राशि से बोरवेल कराने, विभिन्न संस्थानों को सेमिनार तथा अन्य आयोजन के लिए अनुदान देने, उनके कार्यकाल में विवि में हुई नियुक्ति, पदोन्नति तथा प्रतिनियुक्ति, विवि में निर्माणाधीन मकान की डीपीआर में बदलाव की शिकायत तथा उनके कार्यकाल में प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर खोले गए स्टडी सेंटरों के मामलों में बयान पूछताछ की गई है.