लाइव न्यूज़ :

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने EOW कार्यालय में दर्ज कराए बयान, फरार थे घोषित 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 31, 2019 06:09 IST

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बी.के. कुठियाला ने सबसे पहले डीजी के.एन. तिवारी से मुलाकात की. इसके बाद एसपी अरुण मिश्रा के समक्ष विवेचक अधिकारी द्वारा उनके बयान लिए गए.

Open in App
ठळक मुद्देमाखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बी.के. कुठियाला शुक्रवार को ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंचे हैं. जधानी की विशेष अदालत ने कुठियाला को फरार घोषित किया है, उन्हें 31 अगस्त तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था.

माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बी.के. कुठियाला शुक्रवार को ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुंचे हैं. वे अपना बयान दर्ज कराने ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुंचे थे. राजधानी की विशेष अदालत ने कुठियाला को फरार घोषित किया है, उन्हें 31 अगस्त तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था.

आर्थिक अनियमितता तथा अन्य गड़बड़ी के मामले में दर्ज आपराधिक मामले में चार माह तक ईओडब्ल्यू अधिकारियों को छकाने के बाद अंतत: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी.के. कुठियाला आज ईओडब्ल्यू पहुंचे. उनके साथ उनके वकील भी थे. कुठियाला की संपत्ति कुर्की के मामले में कल शनिवार को कोर्ट में सुनवाई होना है. इसके पहले उन्होंने आज ईओडब्ल्यू कोर्ट में आज अपना पक्ष रखा.

पूर्व में कुठियाला ने ई-मेल कर अधिकारियों से ईओडब्ल्यू में उपस्थित होने का समय मांगा था. ईओडब्ल्यू द्वारा 26 अगस्त को कुठियाला को पेश होने के लिए तारीख दी गई थी, लेकिन वे भोपाल कोर्ट में उपस्थित होकर वापस चले गए. 

इस पर ईओडब्ल्यू ने फिर नोटिस जारी कर कहा था कि प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान देना अनिवार्य है. नोटिस के जवाब में कुठियाला ने फोन पर आज फिर उपस्थित होने का समय मांगा था. हालांकि अफसरों को लग रहा था कि पूर्व की भांति फिर कुठियाला का आना संभव नहीं है, लेकिन दोपहर में वे अपने अधिवक्ता के साथ ईओडब्ल्यू मुख्यालय में उपस्थित हुए. 

कुठियाला ने सबसे पहले डीजी के.एन. तिवारी से मुलाकात की. इसके बाद एसपी अरुण मिश्रा के समक्ष विवेचक अधिकारी द्वारा उनके बयान लिए गए.

सूत्रों के अनुसार, मेडिकल बिलों का विश्वविद्यालय प्रशासन से भुगतान, सेवा समाप्ति के बाद मोबाइल फोन और लैपटाप जमा नहीं करने, घर पर विवि की राशि से बोरवेल कराने, विभिन्न संस्थानों को सेमिनार तथा अन्य आयोजन के लिए अनुदान देने, उनके कार्यकाल में विवि में हुई नियुक्ति, पदोन्नति तथा प्रतिनियुक्ति, विवि में निर्माणाधीन मकान की डीपीआर में बदलाव की शिकायत तथा उनके कार्यकाल में प्रदेश तथा प्रदेश से बाहर खोले गए स्टडी सेंटरों के मामलों में बयान पूछताछ की गई है.

टॅग्स :मध्य प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतदिवंगत निरीक्षक स्व. शर्मा के परिजन को 1 करोड़ रुपये?, अंकित शर्मा को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

कारोबारहैदराबाद के निवेशकों के साथ जोड़ने आए हैं नई डोर, सीएम मोहन यादव बोले- 36,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 27,800 रोजगार सृजित

क्राइम अलर्टकिशनगंज में देह व्यापार भंडाफोड़, मॉल में 2 लड़की से दोस्ती, नौकरी दिलाने का झांसा देकर बिशनपुर लाई, सिंगरौली की 23 वर्षीय युवती ने दलदल से भागकर बचाई जान

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत