नई दिल्ली, 12 जून: भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सोमवार को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक वह वहां केवल रूटीन चेकअप के लिए गए हैं। उनकी तबियत का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री सहित कई बड़े नेता अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन आज सुबह से एम्स प्रशासन ने वीवीआईपी लोगों को भी मिलने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से काफी बीमार चल रहे थे।
बता दें कि वर्ष 2015 में उन्हें भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वह लगभग 15 साल पहले राजनीति से संन्यास ले चुके हैं। उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर बीजेपी की स्थापना की थी और उसे सत्ता के शिखर पहुंचाया था। अटल बिहारी वाजपेयी शुरूआती दिनों में राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि जैसे कई पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। उन्होंने कई मुद्दों पर कविताएं लिखी हैं। उनके द्वारा लिखी हुई चुनिंदा कविताएं जरुर पढ़ने चाहिए।
गीत नहीं गाता हूंबेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूंगीत नहीं गाता हूं
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहरअपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूंगीत नहीं गाता हूं
पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांदमुक्ति के क्षणों में बार-बार बंध जाता हूंगीत नहीं गाता हूं
----------------------2) दूध में दरार पड़ गई
खून क्यों सफेद हो गया?
भेद में अभेद खो गया।बंट गये शहीद, गीत कट गए,कलेजे में कटार दड़ गई।दूध में दरार पड़ गई।
खेतों में बारूदी गंध,टूट गये नानक के छंदसतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है।वसंत से बहार झड़ गईदूध में दरार पड़ गई।
----------------------3)कदम मिलाकर चलना होगा
बाधाएं आती हैं आएंघिरें प्रलय की घोर घटाएं,पावों के नीचे अंगारे,सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,निज हाथों में हंसते-हंसते,आग लगाकर जलना होगा।कदम मिलाकर चलना होगा।
----------------------4)मनाली मत जइयो
मनाली मत जइयो, गोरी राजा के राज में।
जइयो तो जइयो, उड़िके मत जइयो, अधर में लटकीहौ, वायुदूत के जहाज़ में।
जइयो तो जइयो, सन्देसा न पइयो, टेलिफोन बिगड़े हैं, मिर्धा महाराज में।
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5) एक बरस बीत गया झुलासाता जेठ मास शरद चांदनी उदास सिसकी भरते सावन का अंतर्घट रीत गया एक बरस बीत गया