झारखंड उच्च न्यायालय ने आज झारखंड के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सुरेश पासवान को एक पुराने आपराधिक मामले में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी के वारंट एवं कुर्की के आदेश पर कोई राहत देने से इनकार करते हुए उन्हें निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिये।झारखंड उच्च न्यायालय से राज्य के पूर्व मंत्री सुरेश पासवान को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की पीठ ने सुरेश पासवान की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने निचली अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट और कुर्की के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही न्यायालय ने उन्हें निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि आत्मसमर्पण करने के बाद सुरेश पासवान की ओर से जमानत याचिका दाखिल की जाती है, तो उसी दिन निचली अदालत उनकी जमानत पर सुनवाई करे।सुरेश पासवान की ओर से इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें निचली अदालत द्वारा उन्हें भगोड़ा घोषित करने व उनके खिलाफ कुर्की के आदेश जारी किये गये थे।सुनवाई के दौरान पासवान की ओर से अदालत को बताया गया कि वह विधायक और राज्य के मंत्री रह चुके हैं। अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। इसलिए निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाए। अदालत ने इनकी दलील को नकारते हुए निचली अदालत में उन्हें आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।मामले के अनुसार, बालेश्वर प्रसाद सिंह नामक एक व्यक्ति ने बोकारो रेल थाने में 12 अगस्त 2003 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान उनकी सीट पर पूर्व मंत्री सुरेश पासवान सोए हुए थे। सीट छोडने की बात कहने पर सुरेश पासवान व उसके अंगरक्षक बीरू कुमार ने उनके साथ मारपीट की और धमकी दी। इस मामले में अदालत ने पासवान के खिलाफ वारंट जारी कर दिया लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुए।
झारखंड के पूर्व मंत्री एवं राजद नेता को अदालत में आत्मसमर्पण का निर्देश
By भाषा | Updated: February 11, 2019 22:14 IST