पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्य सभा सांसद के तौर पर नहीं लेते हैं कोई सैलरी या भत्ता, RTI में हुआ खुलासा
By विनीत कुमार | Published: September 2, 2020 09:17 AM2020-09-02T09:17:55+5:302020-09-02T09:17:55+5:30
भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई बतौर सांसद कोई सैलरी या भत्ता नहीं लेते हैं। एक आरटीआई में ये जानकारी सामने आई है। रंजन गोगोई इसी साल मार्च में बतौर राज्य सभा सांसद मनोनीत हुए थे।
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई मौजूदा समय में एकमात्र राज्य सभा सांसद हैं जो कोई कोई सैलरी या भत्ता सदन के सदस्य के तौर पर नहीं लेते हैं। इसका खुलासा राज्य सभा सचिवालय की ओर से एक आरटीआई के जवाब में किया गया है। रंजन गोगोई को इसी साल मार्च में राज्य सभा सांसद के तौर पर मनोनीत किया गया था। इसे लेकर तब काफी सवाल भी उठे थे।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ये आरटीआई उसकी ओर से दाखिल की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक जब जस्टिस गोगोई से इस संबंध में संपर्क किया गया तो उन्होंने एक पत्र दिखाया जो उन्होंने राज्य सभा के प्रधान सचिव को 24 मार्च, 2020 को लिखा था। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के पूर्व चीफ जस्टिस होने के नाते उनकी पेंशन 82,301 रुपया प्रति महीना है।
इस चिट्ठी में उन्होंने सैलरी या किसी भी तरह के भत्ते को नहीं लेने की बात कही थी। उन्होंने पत्र में लिखा, 'कृपया गौर करें कि मैं वेतन और भत्ते (यात्रा भत्ते और आवास को छोड़कर) का लाभ नहीं लूंगा, जिसका राज्यसभा के सदस्य के रूप में मैं हकदार हूं। इसकी बजाय, 'मैं सेवानिवृत्ति लाभों का लाभ उठाने का विकल्प चुनता हूं, जो मुझे भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के रूप में भुगतान किया जा रहा है।'
राज्य सभा सांसदों पर खर्च होते हैं महीने में 3 करोड़ रुपये
आरटीआई के जवाब में ये भी बताया गया कि राज्य सभा सांसदों पर सैलरी और अन्य भत्तों को मिलाकर महीने में करीब 3 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। राज्य सभा की ओर से बताया गया, उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार जुलाई 2020 में सैलरी और भत्ते के तौर पर 226 राज्य सभा सांसदों को 2,99,18,000 रुपये का भुगतान किया गया।
हालांकि राज्य सभा की 30 अगस्त तक की वेबसाइट के रिकॉर्ड के अनुसार 243 सांसद हैं। ऐसे में जुलाई के आंकड़ों के अनुसार 17 सांसदों के अभी रिकॉर्ड नहीं दिए गए हैं।
मनोज झा और राकेश सिन्हा केवल भत्ता लेते हैं
रंजन गोगोई जहां कोई भी सैलरी और भत्ता बतौर राज्य सभा सांसद नहीं उठाते हैं।। वहीं मनोज झा और राकेश सिन्हा केवल भत्ता लेते हैं। मनोज झा ने बताया, 'मैं अभी लगातार कक्षाएं ले रहा हूं और पीएचडी स्टूडेंट को भी देखता हूं। इसलिए मैं राज्य सभा से नहीं लेकिन डीयू से सैलरी ले रहा हूं।' राकेश सिन्हा भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं।
राज्य सभा के पूर्व सांसदों को दिए जाने वाले पेंशन पर भी जानकारी सामने आई है। इसके अनुसार 20 अगस्त, 2020 तक 506 पूर्व सांसदों को सांसदीय पेंशन दी गई। हालांकि राज्य सभा की ओर से इस संबंध में कुछ नहीं बताया गया कि क्या वैसे भी कुछ पूर्व सांसद रहे हैं या थे जो पेंशन नहीं लेते थे।