सीएम नीतीश से जलील हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खोला मोर्चा!, करेंगे मौन प्रदर्शन
By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2023 05:48 PM2023-11-13T17:48:59+5:302023-11-13T17:59:29+5:30
हम के संरक्षक जीतन राम मांझी पर नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान की खूब आलोचना हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 14 नवम्बर 23 को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायालय के निकट अंबेडकर स्मारक पर मौन प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
![Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi, insulted by Bihar Chief Minister Nitish Kumar, opens front, will hold silent protest | सीएम नीतीश से जलील हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खोला मोर्चा!, करेंगे मौन प्रदर्शन Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi, insulted by Bihar Chief Minister Nitish Kumar, opens front, will hold silent protest | सीएम नीतीश से जलील हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खोला मोर्चा!, करेंगे मौन प्रदर्शन](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/jitannew5-1640170662_202302258494.jpg)
सीएम नीतीश से जलील हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खोला मोर्चा!, करेंगे मौन प्रदर्शन
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बीते दिनों विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी के साथ अमर्यादित शब्द का प्रयोग किए जाने के बाद सूबे का सियासी माहौल गर्माया हुआ है। मांझी पर नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान की खूब आलोचना हो रही है। ऐसे में अब इस मामले में जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 14 नवम्बर 23 को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायालय के निकट अंबेडकर स्मारक पर एक मौन प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
जीतन राम मांझी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा है कि मेरे अपमान के सहारे पुरे दलित समाज को ज़लील करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 14 नवम्बर 23 को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायालय के निकट अंबेडकर स्मारक पर एक मौन प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। जिसमें सभी संगठनों के साथ-साथ मैं भी उपलब्ध रहूंगा। जय बिहार।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ जो हुआ उससे दलित समाज शर्मसार है। दलितों के साथ-साथ महिलाओं को भी नीतीश कुमार ने छोड़ा नहीं है। इसी मुद्दे को प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषणों में उठाया है। हम प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि आप हमेशा से ही हमारे साथ खड़े रहे हैं। जब नीतीश कुमार ने हमारे जैसे आदमी को प्रताड़ित करने का काम किया तो आपने इस मुद्दे पर हमारा साथ दिया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 नवंबर को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर नाराज हो गए थे। आरक्षण संशोधन विधेयक के दौरान मांझी आरक्षण की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार के कार्यकलाप पर टिप्पणी कर रहे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री का गुस्सा फूट पड़ा। मुख्यमंत्री ने कह दिया इसको कोई सेंस नहीं। कुछ भी बोलता रहता है। इसके बाद पीएम मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के सिकंदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार पर खूब हमला बोला।
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले बिहार में हमने देखा है कि विधानसभा में सदन के अंदर एक और दलित नेता, एक पूर्व मुख्यमंत्री का अपमान किया गया है। जीतन राम मांझी जो दलितों में भी अति दलित हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत ही संघर्ष किया है। उनको बिहार के मुख्यमंत्री ने बुरी तरह अपमानित किया। जीतन बाबू को जताने की कोशिश की गई कि वह मुख्यमंत्री पद के योग्य नहीं थे। ये अहंकार की भावना, दलितों के अपमान की भावना कांग्रेस और उसके सहयोगियों की पहचान है।