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पूर्व नौकरशाह शक्ति सिन्हा का निधन

By भाषा | Updated: October 4, 2021 21:57 IST

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे पूर्व नौकरशाह और शिक्षाविद शक्ति सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे।

सूत्रों के मुताबिक, सिन्हा उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे और जब उन्होंने बैचेनी की शिकायत की तो उन्हें आईपी एक्सटेंशन में आरके अस्पताल ले जाया गया। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

राजनीतिक नेताओं और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सिन्हा के आकस्मिक निधन पर शोक और दुख व्यक्त किया और एक रणनीतिक विचारक के रूप में और सार्वजनिक नीति में उनके योगदान को याद किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के प्रेस सचिव अजय सिंह ने ट्वीट किया, “जीवन कितना क्षणभंगुर है। कल ही शक्ति सिन्हा जी से मुलाकात की और एक लंबी और समृद्ध बातचीत हुई। अब वह नहीं रहे। बेहद व्यथित!”

भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि सिन्हा इंडिया फाउंडेशन के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य थे और आज दोपहर लेह में एक सम्मेलन को संबोधित करने वाले थे।

उन्होंने ट्वीट किया, “एक विनम्र और सरल लेकिन विद्वान और बौद्धिक व्यक्ति... एक बड़ी क्षति। गहरी संवेदना। ओम।”

सिन्हा 1979 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वह नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) के पूर्व निदेशक भी थे।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने ट्वीट किया, “प्रेस क्लब ऑफ इंडिया पूर्व नौकरशाह और तीन मूर्ति में नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी एंड म्यूजियम के पूर्व निदेशक, शिक्षाविद और लेखक शक्ति सिन्हा के असामयिक निधन से स्तब्ध है। सिन्हा कुछ दिन पहले ही पीसीआई में हुई एक चर्चा में शामिल हुए थे। हम उनके असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।”

सिन्हा ने 1996-1999 के दौरान वाजपेयी के साथ काम किया और ‘वाजपेयी: द इयर्स दैट चेंज्ड इंडिया’ शीर्षक से एक संस्मरणात्मक किताब लिखी थी।

पूर्व सेना प्रमुख वेद मलिक ने कहा कि सिन्हा सशस्त्र बलों के कल्याण से संबंधित मामलों में हमेशा मददगार रहे।

उन्होंने ट्वीट किया, “ शक्ति सिन्हा के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। एक विद्वान और एक अच्छे इंसान। कारगिल युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी के निजी सचिव थे। सशस्त्र बलों के कल्याण से संबंधित मामलों में हमेशा मददगार रहे। उनकी आत्मा को शांति मिले। ओम शांति।”

भाजपा नेता जय पांडा ने सिन्हा को बेहतरीन लोक सेवकों और लोक बुद्धिजीवियों में से एक बताया। उन्होंने ट्वीट किया, “ उन्होंने प्रधानमंत्री वाजपेयी के करीबी सहयोगी के रूप में काम किया था। काफी लिखा और बोला और उन्हें व्यापक रूप से पसंद और सराहा गया था। उनका आज अचानक निधन हो गया। यह बहुत जल्दी है क्योंकि उनके पास भारत में योगदान करने के लिए बहुत कुछ था। शांति।"

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सिन्हा के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, “ हमने एक बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति को खो दिया है। उनका शानदार कार्य और सौम्य आत्मा हमेशा हमारे दिल में रहेगी। मैं भगवान बुद्ध से शोक संतप्त परिवार को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। दिवंगत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो।”

आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट किया, "हम श्री शक्ति सिन्हा के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। वह एक प्रशासक, विचारक और उत्कृष्ट लेखक थे।”

इस बीच मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में शोक सभा आयोजित की गई।

दूतावास ने ट्वीट किया, “ श्री शक्ति सिन्हा के आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त करने के लिए दूतावास में शोक सभा का आयोजन किया गया। राजदूत और अन्य वक्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के काम को बढ़ावा देने के लिए उनकी रूस की हालिया यात्रा को याद किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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