बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किया चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: October 1, 2023 04:46 PM2023-10-01T16:46:22+5:302023-10-01T16:48:27+5:30
जीतन राम मांझी ने कहा कि 75 साल के बाद किसी व्यक्ति को भी चुनावी राजनीति नहीं करनी चाहिए। वैसे कुछ लोग हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मैं तो 79 साल का हो गया हूं, और ऐसे में चुनाव लड़ना मेरे सिद्धांतों के खिलाफ होगा
पटना:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने आज यह ऐलान किया है कि अब वह भविष्य में कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 75 साल के बाद किसी व्यक्ति को भी चुनावी राजनीति नहीं करनी चाहिए। वैसे कुछ लोग हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मैं तो 79 साल का हो गया हूं, और ऐसे में चुनाव लड़ना मेरे सिद्धांतों के खिलाफ होगा। ऐसे में अब वो किसी तरह का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे
बता दें कि हाल ही में जीतन मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और कहा था कि लोकसभा सीटों को लेकर वो मुलाकात करने नहीं आए थे। एनडीए में जो भी सीट देगी, उस पर जीत की कोशिश रहेगी। हमारा उद्देश्य बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए को जीत दिलाने में भाजपा का सहयोग करना है।
वहीं ठाकुर कविता विवाद पर जीतन राम मांझी का एनडीए से मतभेद सामने आया था। जहां भाजपा ने राजद सांसद मनोज झा का विरोध किया था और उनके बयान को जाति विरोधी करार दिया था। वहीं मांझी ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला और न ही किसी जाति विशेष पर टिप्पणी की।
मांझी ने नीतीश कुमार के एनडीए के पाले में आने की संभावनाओं को बल देते हुए कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव पहले ही नीतीश कुमार को पलटूराम कह चुके हैं। कोई पलटू चाचा तो कोई पलटू भाई कहता है। जब नीतीश कुमार का डेजिग्नेशन ही "पलटू राम" है तो किस समय पलटी मारेंगे इसका कोई हिसाब नहीं है।
मांझी ने कहा कि हम एनडीए के एक छोटे सहयोगी हैं। हमारी कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं है कि हम किसी का स्वागत करेंगे या विरोध करेंगे। लेकिन अगर नरेंद्र मोदी या अमित शाह एनडीए में नीतीश को लाना चाहेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे।