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भारत 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है, सीमा पर चीन से जारी तनाव पर बोले एस जयशंकर

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 28, 2023 14:44 IST

अहमदाबाद के अनंत नेशनल विश्वविद्यालय में 'मोदी का भारत: एक उभरती ताकत' विषय पर व्याख्यान देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई प्रयास नहीं हो।

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ठळक मुद्देभारत चीन से 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है - एस जयशंकरयह चुनौती बहुत जटिल चुनौती है - एस जयशंकर दोनों देशों को रिश्ते में एक संतुलन तलाशना होगा - एस जयशंकर

नई दिल्ली:  भारत और चीन के बीच एक बार फिर सीमा विवाद काफी समय से है लेकिन साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में हुई खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अलग स्तर पर चला गया। साल 1975 के बाद से दोनों देशों के सैनिकों के बीच ये पहली बार था जब किसी की जान गई हो। इसके बाद चीन ने पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के अलावा ऊंची पहाड़ियों पर अपने सैनिक बढ़ाए तो भारत ने भी पूरी एलएसी पर भारी संख्या में फौज की तैनाती कर दी। 2020 के बाद से ही चल रहा तनाव तमाम कोशिशों के बाद भी कम नहीं हो सका है।

इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार, 27 मई को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत चीन से 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है और नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई प्रयास नहीं हो।

अहमदाबाद के अनंत नेशनल विश्वविद्यालय में 'मोदी का भारत: एक उभरती ताकत' विषय पर व्याख्यान देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "अगर दोनों देशों के बीच शांति भंग होती है तो उनके संबंध प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। दोनों देशों को रिश्ते में एक संतुलन तलाशना होगा, लेकिन यह दूसरे पक्ष की शर्तों पर नहीं हो सकता। चीन के ​अड़ियल रुख को देखकर हमें अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की जरूरत है, हमें प्रतिरोध पर दृढ़ रहने की जरूरत है। और दुर्भाग्य से वर्तमान में यही स्थिति है।"

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा, "जब मैं बड़ी ताकत की बात करता हूं, तो निश्चित तौर पर हमारे लिए चीन से खास चुनौती है। यह चुनौती बहुत जटिल चुनौती है, यह पिछले तीन सालों के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘बहुत स्पष्ट’ रूप से दिखी। स्पष्ट रूप से जवाब दिये गये जिनकी जरूरत है। सरकार ने वे जवाब दिये। उस जवाब का एक बड़ा हिस्सा यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सीमावर्ती क्षेत्र में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास न हो।" 

चीन के अड़ियल रुख पर जयशंकर ने कहा, "यदि आप मेरा सम्मान नहीं करते हैं, यदि आप मेरी चिंताओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं, यदि आप मेरे हितों की उपेक्षा करते हैं तो हम लंबे समय तक साथ कैसे चल सकते हैं?"

टॅग्स :S Jaishankarभारतनरेंद्र मोदीNarendra ModiLine of Actual ControlArmy
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