"जिनके लिए भारत ही 2014 के बाद बना हो, भला वो क्या जानेंगे राम मंदिर आंदोलन के बारे में", संजय राउत ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 27, 2023 02:37 PM2023-12-27T14:37:46+5:302023-12-27T14:42:33+5:30
संजय राउत ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों के लिए 2014 के बाद नया भारत बना हो, वो भला क्या जानेंगे राम मंदिर आंदोलन का इतिहास।
मुंबई/अयोध्या: शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने भाजपा द्वारा राम जन्मभूमि आंदोलन में शिवसेना (यूबीटी) के योगदान के विषय में पूछे जाने पर कहा कि जिन लोगों के लिए 2014 के बाद नया भारत बना हो, वो भला क्या जानेंगे राम मंदिर आंदोलन का इतिहास।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ''राम मंदिर कभी भी राजनीति का विषय नहीं रहा है, यह तो आस्था, हिंदू संस्कृति की पहचान और श्रद्धा का विषय है। राम मंदिर के निर्माण में हजारों कारसेवकों ने अपने जान की शहादत दी है लेकिन जिनके लिए भारत ही 2014 के बाद बना हो वो भला क्या इसका इतिहास जानेंगे।"
राउत ने आगे भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "ये लोग न तो आजादी की लड़ाई में रहे, न ही किसी बड़े आंदोलन या संघर्ष में, इसलिए इन्हें राम मंदिर के लिए संघर्ष के बारे में नहीं पता। हम भगोड़े नहीं हैं, मैदान में डटे रहे और मंदिर निर्माण के लिए अंत तक संघर्ष किया।”
उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान हजारों स्वयंसेवकों की जान चली गई और अयोध्या की सरयू नदी खून से लाल हो गई थी।
संजय राउत ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, "राम जन्मभूमि आंदोलन 2014 से पहले शुरू हुआ था। मौजूदा भाजपा सरकार को राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना की भूमिका और बालासाहेब ठाकरे के योगदान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने उन लोगों से सवाल किया जो राम जन्मभूमि आंदोलन में उद्धव ठाकरे के योगदान के बारे में पूछ रहे थे।
उन्होंने कहा, "जिस वक्त अयोध्या आंदोलन चल रहा था, तो जो लोग आज अपने आप को योद्धा मानते हैं। वे अयोध्या से भाग गए और उस समय बाला साहेब ठाकरे आगे आए थे। बाला साहेब ने कहा था कि मुझे उन शिवसैनिकों पर गर्व है जिन्होंने राम मंदिर के लिए यह काम किया है। जिन्होंने राम मंदिर के लिए योगदान दिया है।"
राउत ने कहा, "राम जन्मभूमि आंदोलन में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बालासाहेब ठाकरे, पूर्व विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल, उमा भारती, विनय कटियार और श्रीश चंद्र दीक्षित शामिल थे, ये आज के भाजपाई उस समय नहीं थे।"
इसके साथ ही संजय राऊत ने दावा किया कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर अभिषेक में शिवसेना यूबीटी को आमंत्रित नहीं किया गया है।