रांची, 24 मार्च: आरजेडी प्रमुख लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को सजा सुनाई। सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को न सिर्फ 7 साल की सजा बल्कि 30 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका। लेकिन खास बात यह है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने उन्हें दो अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है। इसमें से हर एक धारा के लिए अदालत ने 7-7 साल की सजा मुकर्रर करने के साथ ही 30-30 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
इसका मतलब है यह है कि अदालत ने दुमका कोषागार मामले में लालू पर कुल 60 लाख रुपये का जुर्मना लगाया है। वहीं कहा जा रहा है कि लालू 7 साल की सजा खत्म होने के बाद उन्हें दोबारा 7 साल जेल में रहना होगा। इस हिसाब से सिर्फ एक ही मामले में लालू को करीब 14 सालों तक जेल की सजा काटनी होगी। जबकि लालू पर चारा घोटाले के कुल 5 मुकदमे चल रहे हैं। जिसमें से 4 की सजा का ऐलान हो चुका है।
इनमें से पहला मामाल चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का है जिसमें लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि दूसरे मामले में देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी लालू पर 38 केस दर्ज हुए और कोर्ट ने 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ साढ़े तीन साल की सजा सुनाई।
तीसरा मामला चाईबासा कोषागार से ही जुड़ा हुआ है जिसमें 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में आज आए कोर्ट के फैसले में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए उन पर 2 अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा के साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि पांचवे मामले में सुनवाई और सजा का ऐलान होना अब भी बाकी है।
अगर एक लिहाज से कोर्ट द्वारा दी गई सजा को जोड़ा दिया जाए तो लालू पर कुल चार मामलो में 70 लाख रुपये जुर्माना लगा है। वहीं इन चारों मामलों की सजा को जोड़ दिया जाए तो उन्हें कुल साढ़े 27 साल की जेल की सजा सुनाई है। हांलाकि उनके पास अभी सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का रास्ता खुला है।