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कोविड-19 टीके की पहली खुराक, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बोले-70 प्रतिशत वयस्क को पहली खुराक मिली, 25 प्रतिशत को पूर्ण टीकाकरण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 4, 2021 17:08 IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। शाबाश भारत, कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रखें।

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ठळक मुद्देभारत ने 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दे दी है। देश भर में दी गई खुराकों की संख्या सोमवार को 91 करोड़ को पार कर गईं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास टीकों की 5,67,37,905 खुराकें मौजूद है।

नई दिल्लीः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि देश की 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दे दी गई है। देश भर में लोगों को टीके की 91 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।

 

अधिकारियों के मुताबिक 25 प्रतिशत वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया,‘‘ सशक्त राष्ट्र, तेज टीकाकरण: भारत ने 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। शाबाश भारत, कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रखें।’’

राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के दौरान देश भर में दी गई खुराकों की संख्या सोमवार को 91 करोड़ को पार कर गईं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास टीकों की 5,67,37,905 खुराकें मौजूद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक माह में प्रतिदिन औसतन दी जाने वाली खुराकों की संख्या बढ़ी है।

मई में 19.69 लाख खुराक दी गई,जो जून में बढ़कर 39.89 लाख हो गई। वहीं जुलाई में यह संख्या 43.41 लाख और अगस्त में 59.19 लाख पर पहुंच गई। सितंबर में प्रतिदिन औसतन 79.08 लाख खुराकें दी गईं। मंत्रालय ने कहा कि देश की आबादी को कोविड-19से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की लगातार समीक्षा की जा रही है और उच्चतम स्तर पर इसकी निगरानी की जा रही है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16जनवरी से शुरू हुआ था और पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे।

ओषधि क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूत करने की जरूरत : मंडाविया

 केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि देश के औषधि क्षेत्र में अनुसंधान को मजबूत करने और शोध संस्थानों तथा उद्योग के बीच मजबूत गठजोड़ सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश ने औषधि क्षेत्र में प्रभावी प्रगति की है, जिससे भारत 'विश्व की फार्मेसी' के रूप में उभरा है।

मंडाविया ने कहा, "हम फॉर्मूले बनाने में बहुत आगे है लेकिन अनुसंधान में पिछड़ रहे हैं। अनुसंधान में हम किस तरह आगे प्रगति करें, इसके लिए एनआईपीईआर द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रृंखला से एक तरह मानचित्र उभर कर आना चाहिए।" उन्होंने एनआईपीईआर मोहाली द्वारा आयोजित 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत साप्ताहिक समारोह का ऑनलइन उद्घाटन करते हुए कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एनआईपीईआर) को भी एक रूपरेखा तैयार करने चाहिए कि उद्योग के साथ वह कैसे सहयोग कर सकते हैं।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 4 से 10 अक्तूबर, 2021 तक विभिन्न कार्य्रक्रम आयोजित कर रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की एक पहल है, जो भारत के प्रगतिशील 75 साल और लोगों, संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए है। 

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