मोदी सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, अब डिफाल्ट के नए मामलों में छह महीनों तक नहीं होगी कार्रवाई 

By भाषा | Published: June 6, 2020 02:13 AM2020-06-06T02:13:39+5:302020-06-06T02:13:39+5:30

अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘25 मार्च, 2020 या उसके बाद डिफॉल्ट के किसी मामले में छह महीने या उससे आगे (एक साल से अधिक नहीं) दिवाला कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।’’

Firms get 6-month relief from IBC rules, Modi government amend insolvency law | मोदी सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, अब डिफाल्ट के नए मामलों में छह महीनों तक नहीं होगी कार्रवाई 

फाइल फोटो

Highlightsसरकार ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया है। इसके तहत कोरोना वायरस महामारी के दौरान कर्ज भुगतान में असफलता के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी।

नई दिल्लीः सरकार ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया है। इसके तहत कोरोना वायरस महामारी के दौरान कर्ज भुगतान में असफलता के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। कोरोना वायरस पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। 

25 मार्च से छह माह तक कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। इस कदम से कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लागू राष्ट्रव्यापी बंद से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 

अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘25 मार्च, 2020 या उसके बाद डिफॉल्ट के किसी मामले में छह महीने या उससे आगे (एक साल से अधिक नहीं) दिवाला कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।’’ इसमें कहा गया है कि किसी कॉरपोरेट कर्जदार के खिलाफ उपरोक्त अवधि के दौरान कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत आवेदन नहीं किया जा सकेगा। 

इस अवधि के लिए सीआईआरपी प्रक्रिया को निलंबित किया गया है। संहिता की तीन धाराएं....7, 9 और 10 छह माह की अवधि के लिए लागू नहीं होंगी। इस संदर्भ में आईबीसी में एक नई धारा ‘10ए’ डाली गई है। धारा 7 और 9 वित्तीय और परिचालन के लिए ऋण देने वालों द्वारा दिवाला कार्रवाई शुरू करने से संबंधित है। धारा 10 कॉरपोरेट आवेदकों से संबंधित है।

आईबीसी के तहत कोई भी इकाई किसी कंपनी द्वारा कर्ज भुगतान में एक दिन की चूक होने पर भी दिवाला कार्रवाई के लिए आवेदन कर सकती है। इसके लिए न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये है। पहले यह सीमा एक लाख रुपये थी। वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 मई को कहा था कि सरकार दिवाला कानून के तहत कई रियायतें उपलब्ध कराएगी। इसके तहत एक साल तक के लिए नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। 

Web Title: Firms get 6-month relief from IBC rules, Modi government amend insolvency law

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे