'अग्निपथ योजना' की ज्वाला भड़की बिहार में, आक्रोशित युवाओं ने कई ट्रेनों को किया अग्नि के हवाले
By एस पी सिन्हा | Published: June 16, 2022 05:59 PM2022-06-16T17:59:01+5:302022-06-16T17:59:28+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने गोपालगंज के सिधवलिया स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन के बोगी में आग लगा दी और ट्रेन के परिचालन को बाधित कर दिया। जिससे ट्रेन की बोगी पूरी तरह जल गई।
पटना: सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' बिहार के युवाओं को पसंद नहीं आ रही है। जिसके चलते राज्य में आज लगातार दूसरे दिन भी विरोध तेज हो गया। राज्य के अलग-अलग शहरों में बवाल के साथ जबर्दस्त विरोध देखा गया। राज्य के कई जिलों में युवाओं ने सड़कों पर उतर कर हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया। अग्नि की ज्वाला 13 जिलों में भड़क गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने गोपालगंज के सिधवलिया स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन के बोगी में आग लगा दी और ट्रेन के परिचालन को बाधित कर दिया। जिससे ट्रेन की बोगी पूरी तरह जल गई। जबकि छपरा और कैमूर में ट्रेन को आग के हवाले कर दिया। छपरा जंक्शन पर करीब 12 गाडियों में तोड़फोड़ की गई और चार ट्रेनों और इंजनों को फूंक डाला।
कैमूर जिले के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर उग्र प्रदर्शनकारियों ने इंटरसिटी ट्रेन की एक बोगी में आग लगा दी। यही नहीं नवादा में भाजपा कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया। ट्रैक को नुकसान पहुंचाया गया। रेलवे संपत्ति को भी तोड़ा गया। कई यात्री ट्रेनों के भी शीशे तोड़े गए। छपरा शहर के चौक चौराहे पर आगजनी की दुकानों में तोड़फोड़ की गई। स्थिति की भयावहता को देखते हुए रेलवे पुलिस ने 40 से 50 राउंड हवाई फायरिंग कर छात्रों को खदेडने का प्रयास किया। लेकिन वे जवाब स्वरूप रोडे बरसाने लगे।
इसी तरह से जहानाबाद, बक्सर, मुजफ्फरपुर, आरा, छपरा, नवादा, गया, सहरसा, मुंगेर सहित कई शहरों में आज सुबह से ही युवाओं की टोली सड़क और रेलवे लाइन जाम कर विरोध करने लगी। नवादा में छात्रों ने भाजपा विधायक अरूणा देवी की गाड़ी पर भी हमला बोल दिया। किसी तरह से भागकर उन्होंने जन बचाई। मध्य बिहार के अधिकांश इलाकों में रेल मार्ग को पूरी तरह से युवाओं ने जाम कर रखा गया। इतना ही नहीं सड़क पर भी इन युवाओं की तरफ से प्रदर्शन किया जाता रहा, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
रेल संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया है। इसके चलते बिहार के रास्ते चलने वाली तमाम ट्रेनें इससे प्रभावित हुई हैं। इस बीच छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे ने 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। वहीं आधे दर्जन ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेंट कर दिया है। बुधवार की शाम गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिले पर इसी विषय पर हंगामे के दौरान पथराव किया गया था।
आक्रोशित युवाओं का कहना है कि हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। 4 साल की सेवा, महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टियों के साथ कैसे होगी? हम सिर्फ 3 साल के लिए प्रशिक्षित होने के बाद देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को इस योजना को वापस लेना होगा। गुस्साए आन्दोलनकारी युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने सेना भर्ती में नियम बदलकर उनका भविष्य चौपट करने वाला निर्णय लिया है।
इन सबके बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सरकार की इस योजना पर कटाक्ष किया है। उन्होंने
आज ट्वीट कर लिखा है कि, 2022 तक 80 करोड़ को नौकरी-रोजगार देने का इनका संकल्प था। अब वर्षों बाद अग्निपथ संविदा नहीं बल्कि शिक्षित युवाओं के लिए सेना में एक तरह से नरेगा स्कीम लागू की गई है। इनके वादों, जुमलों और इरादों को तो छोडिए, जब प्रचंड बहुमत की सरकार के संकल्प का यह हश्र है तो बाकी का क्या?
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट कर कहा था कि ठेकेदारी प्रथा के तहत संविधान प्रदत्त आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। तेजस्वी ने अग्निपथ योजना के बहाने भाजपा और संघ के लोगों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने की बात कही थी। उन्होंने चिंता जताई थी कि हथियार चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर कम अवधि की अस्थायी सेवा की बड़ी आबादी 22 वर्ष में बेरोजगार हो जाएगी। इससे देश की कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी। तेजस्वी ने अन्य ट्वीट में भी केंद्र सरकार पर हमला बोला था।